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ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष का पंचांग : अधिक मास 16 मई से...

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पं. हेमन्त रिछारिया

* ‘प्रथम’ ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष : पाक्षिक-पंचांग
 
यहां 'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचाग' श्रृंखला में प्रस्तुत है प्रथम ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग :-
 
संवत्सर- विरोधकृत 
संवत्- 2075 शक संवत् :1940
माह-ज्येष्ठ (प्रथम)
पक्ष-शुक्ल पक्ष (16 मई-29 मई)
ऋतु- ग्रीष्म 
रवि- उत्तरायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 17 मई, 20 मई, 26 मई, 28 मई  
अमृतसिद्धि योग- अनुपस्थित
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- 26 मई 
रवि-पुष्य योग- 20 मई
गुरु-पुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 25 मई (पुरुषोत्तमी एकादशी व्रत)
प्रदोष- 26 मई (शनि प्रदोष)
भद्रा- 18 मई (उदय)-19 मई (अस्त), 21 मई (उदय)- 22 मई (अस्त), 25 मई (उदय-अस्त), 28 मई (उदय)- 29 मई (अस्त), 
पंचक- अनुपस्थित
पूर्णिमा- 29 मई
ग्रहाचार- सूर्य-वृष राशि में, चन्द्र (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-मकर, बुध-मेष राशि (27 मई से वृष राशि में), गुरु-तुला, शुक्र-मिथुन, शनि-धनु, राहु-कर्क, केतु-मकर।
व्रत-त्योहार:16 मई-पुरुषोत्तम मास (अधिक मास) प्रारंभ, 24 मई-गंगा दशहरा, 25 मई- नौपता प्रारंभ।
 
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

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