नृसिंह जयंती व्रत वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इस दिन भगवान श्री नृसिंह ने खंभे को चीरकर भक्त प्रह्लाद की रक्षार्थ अवतार लिया था।
पुराणों के अनुसार इस पावन दिवस को भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने नृसिंह रूप में अवतार धारण किया था। इसी वजह से यह दिन भगवान नृसिंह के जयंती रूप में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जानिए इस दिन क्या करना चाहिए....
* इस दिन व्रती को दिनभर उपवास रहना चाहिए।
* सामर्थ्य अनुसार भू, गौ, तिल, स्वर्ण तथा वस्त्रादि का दान देना चाहिए।
* क्रोध, लोभ, मोह, झूठ, कुसंग तथा पापाचार का त्याग करना चाहिए।
* इस दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
नृसिंह जयंती का व्रत फल
* व्रत करने वाला व्यक्ति लौकिक दुःखों से मुक्त हो जाता है।
* भगवान नृसिंह अपने भक्त की रक्षा करते हैं।
* व्रती को इच्छानुसार धन-धान्य की प्राप्ति होती है।