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  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
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नवरात्रि का सातवां दिन, जानिए 12 अक्टूबर को मां सरस्वती का आह्वान कैसे करें?

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Saraswati Puja

मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021 को शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि में जैसे द्वितीय नवरात्रि के दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से राहु के अशुभ फल दूर होते हैं। उसी तरह सप्तमी की तिथि को सरस्वती का आह्वान किया जाता है। राहु के लिए इष्ट देवी मां सरस्वती को माना गया है। लाल किताब में दुर्गा सप्तशती के प्रथम अध्याय का पाठ राहु का अचूक उपाय बताया गया है। मां को अति प्रिय नारियल भी राहु का ही प्रतीक है। राहु छाया ग्रह है और देवी दुर्गा को छायारूपेण कहा गया है। नवरात्रि में दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजन से राहु के सभी अनिष्ट समाप्त होते हैं। माता सरस्वती को ज्ञान, विद्या, संगीत, वाणी और शांति की देवी माना जाता हैं। 
 
आह्वान शब्द आह्वान का प्रतीक है, इसलिए इस दिन मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए उनका आह्वान करके अनुष्ठान किया जाता है।

अत: सरस्वती आह्वान की तिथि और समय निम्नानुसार रहेगा।
 
- सोमवार, 11 अक्टूबर, 2021 को सरस्वती आह्वान किया जाएगा। मूल नक्षत्र सरस्वती आह्वान- 15:36 मिनट से 17:55 मिनट तक रहेगा। इसकी अवधि- 02 घंटे 19 मिनट रहेगी। 
 
- 11 अक्टूबर, 2021 सोमवार को मूल नक्षत्र का प्रारंभ- 2:56 मिनट से होकर मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021 को 11:27 मिनट पर मूल नक्षत्र समाप्त होगा। 
 
- सरस्वती पूजा 12 अक्टूबर, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र। सरस्वती बलिदान 13 अक्टूबर को और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में और सरस्वती विसर्जन 14 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र में किया जाएगा।
 
कैसे करें राहु को अनुकूल, करें यह उपाय- 
 
1. नवरात्रि में कलश के पास एक नारियल जरूर रखें।
 
2. नर्वाण मंत्र 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' का शाम को प्रतिदिन 108 बार जप करें। 
 
3. मां सरस्वती को नीले पुष्प अर्पित करें।
 
4. राहु बीज मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: का जप करें।
 
यह जप काले हकीक की माला पर दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ मुख कर करें।
 
5. सप्तमी तथा दुर्गाष्टमी के दिन शाम को दुर्गा चालीसा, दुर्गा कवच, अर्गलास्तोत्र, कीलक स्तोत्र आदि सहित दुर्गा सप्तशती का विधिपूर्वक संपूर्ण पाठ करें। पाठ खत्म होने के पश्चात हवन करें। 
 
6. नीले पुष्प, सुपारी, पान, कमल गट्टा, जायफल, लौंग, छोटी इलायची, जौं, काले तिल, काली मिर्च, गूगल, शहद, घी की आहुति दें। हवन में 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' मंत्र की 108 आहुति, 'ॐ छौं छीं छौं स: राहवे स्वाहा' मंत्र की सूखी हुई दूब से 108 आहुति जरूर दें। अंत में नारियल की पूर्ण आहुति दें। 
 
7. सरस्वती दान के दौरान देवी सरस्वती को गन्ना, कद्दू, अन्य फल या सब्जियां चढ़ाई जाती हैं। 
 
नवरात्रि में विद्यार्थी कैसे करें मां सरस्वती का आह्वान, जानिए क्या करें- 
 
नवरात्रि सभी के लिए महत्व रखती है। इन नौ पवित्र दिनों में विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। जो लोग सरस्वती के कठिन मंत्र का जप नहीं कर सक‍ते उनके लिए प्रस्तुत है मां सरस्वती के सरल मंत्र। नवरात्रि में इस मंत्र जप का आरंभ करने और आजीवन इस मंत्र का पाठ करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
 
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Saraswati Worship
 
नवरात्रि में विद्यार्थी क्या करें
 
* 'ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।'
 
- मां सरस्वती का सुप्रसिद्ध मंदिर मैहर में स्थित है। मैहर की शारदा माता को प्रसन्न करने का मंत्र इस प्रकार है।
 
* 'शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे। सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।'
 
- शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।
 
* सरस्वती का बीज मंत्र 'क्लीं' है। शास्त्रों में क्लींकारी कामरूपिण्यै यानी 'क्लीं' काम रूप में पूजनीय है।
 
नीचे दिए गए मंत्र से मनुष्य की वाणी सिद्ध हो जाती है। समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला यह मंत्र सरस्वती का सबसे दिव्य मं‍त्र है।
 
* सरस्वती गायत्री मंत्र : 'ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।'
 
यह मंत्र शीघ्र ही कंठस्थ हो जाता है। इस मंत्र की 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं तथा साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है। विद्यार्थियों को ध्यान करने के लिए त्राटक अवश्य करना चाहिए। 10 मिनट रोज त्राटक करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। 
 
नोट : अगर आपको विधि-विधान का पता नहीं तो किसी योग्य पंडित से कराएं।

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