'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचांग' श्रंखला में प्रस्तुत है कार्तिक शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
पाक्षिक-पंचांग: कार्तिक शुक्ल पक्ष
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076 शक संवत् :1941
माह-कार्तिक
पक्ष-शुक्ल पक्ष (29 अक्टूबर से 12 नवंबर तक)
ऋतु: हेमंत
रवि: दक्षिणायणे
गुरू तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 30 अक्टूबर, 3 नवंबर, 4 नवंबर, 10 नवंबर, 12 नवंबर
अमृतसिद्धि योग- 30 अक्टूबर
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- 3 नवंबर, 6 नवंबर
रवि पुष्य योग- अनुपस्थित
गुरु पुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 8 नवंबर (देवप्रबोधिनी एकादशी व्रत)
प्रदोष- 9 नवंबर (शनि प्रदोष)
भद्रा- 31 नवंबर (उदय-अस्त), 3 नवंबर (उदय)- 4 नवंबर (अस्त), 7 नवंबर (उदय)- 8 नवंबर (अस्त), 11 नवंबर (उदय-अस्त)
पंचक: 8 नवंबर से प्रारंभ-12 नवंबर को समाप्त (भीष्म पंचक)
मूल- 30 अक्टूबर को प्रारंभ- 1 नवंबर को समाप्त, 9 नवंबर से प्रारंभ-11 नवंबर को समाप्त
पूर्णिमा- 12 नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा)
ग्रहाचार: सूर्य-तुला, चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-कन्या (9 नवंबर से तुला राशि में), बुध-वृश्चिक (7 नवंबर से वक्रगति होकर तुला राशि में), गुरु-वृश्चिक (4 नवंबर से धनु राशि में), शुक्र-वृश्चिक, शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु-धनु
व्रत/त्योहार: 29 अक्टूबर-यम द्वितीया/भाई दूज, 2 नवंबर-सूर्य षष्ठी, 3 नवंबर- सहस्रार्जुन जयंती, 4 नवंबर- गोपाष्टमी, 5 नवंबर- अक्षय आंवला नवमी, 8 नवंबर- देवप्रबोधिनी एकादशी/ तुलसी विवाह/चातुर्मास पूर्ण, 12 नवंबर-कार्तिक पूर्णिमा/गुरु नानक जयंती
(निवेदन- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र