धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन तुलसी (tulsi) के पौधे में जल अर्पित करने तथा उसका पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। इतना ही नहीं उस घर में कभी भी धन की कमी महसूस नहीं होती। मान्यता नुसार प्रतिदिन तुलसी का पूजन बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है।
इतना ही नहीं चंद्र या सूर्य ग्रहण वाले दिन भी तुलसी का उपयोग करना बहुत ही पवित्र माना गया है, इसके सेवन से जहां कार्य में मन लगता है, वहीं तनाव दूर होता है और शरीर ऊर्जावान बना रहता है। ग्रहण वाले दिन तुलसी का प्रयोग करने से संकट दूर होते हैं तथा ग्रहण का दुष्प्रभाव भी दूर होता है।
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पत्तों के सेवन से भी देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह वास्तु दोष भी दूर करती है तथा इसके कई आयुर्वेदिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।
आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दिन किस तरह करें तुलसी के सरल प्रयोग-
1. धार्मिक मान्यता के अनुसार गंगा जल को सबसे पवित्र जल तथा तुलसी जी को सबसे पवित्र पौधा माना गया है। अत: दूषित पानी में तुलसी की कुछ पत्ती डालने मात्र से पानी शुद्ध हो जाता है, अत: ग्रहण के समय जल में तुलसी का पत्ता डालकर रखना चाहिए।
2. मान्यतानुसार ग्रहण समाप्त होने के पश्चात घर के जल में तीर्थ जल डालकर स्नान करने से सभी संकट दूर होते हैं।
3. तुलसी भगवान विष्णु के सिर पर शोभित रहती हैं, अत: ग्रहण के दिन तुलसी पत्ता मुंह में डालने से व्यक्ति के संकट दूर होते हैं।
4. तुलसी और गंगाजल संबंधी पौराणिक मान्यता हैं कि इस दिन मुंह में गंगाजल और तुलसी रखने से यमदूत मृतक की आत्मा को नहीं सताते है।
5. सूर्य ग्रहण वाले दिन सूतक के पहले बनी वस्तुओं में तुलसी दल डालकर रखना चाहिए, क्योंकि इससे खाना दूषित होने से बच जाता है। यदि तुलसी उपलब्ध न हो तो कुशा डाल सकते हैं।
6. ग्रहण के पश्चात गंगा स्नान, देवा पूजा तथा दान-पुण्य करने के बाद ताजा भोजन या तुलसी पत्र रखा हुआ भोजन करें।
7. सूर्य ग्रहण के दिन ग्रहण के मोक्ष के बाद यदि आप किसी तीर्थ में जैसे- गंगा, जमुना, नर्मदा आदि के तट पर जाकर स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर में ही नहाने के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करना चाहिए।