Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

रविवार को पद्मिनी एकादशी, सूर्यदेव और श्रीविष्णु के पूजन से मिलेगी कष्टों से मुक्ति

हमें फॉलो करें रविवार को पद्मिनी एकादशी, सूर्यदेव और श्रीविष्णु के पूजन से मिलेगी कष्टों से मुक्ति
अधिक मास भगवान श्रीविष्णु का प्रिय मास होने के कारण इस महीने में श्रीहरि विष्णु जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता हैं कि अधिक मास व्रत करने वाला तथा खास तौर पर एकादशी का व्रत करने से जीवन के हर प्रकार के दु:खों से छूट जाता है और अंत में व्रतधारियों को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। 
 
आपको पता ही होगा कि अधिक मास की शुक्ल पक्ष की पद्मिनी एकादशी रविवार, 27 सितंबर को पड़ रही है, इसलिए इसका महत्व अधिक बढ़ गया है। पुरुषोत्तम मास यानी अधिक मास में पड़ने वाली इस एकादशी को कमला एकादशी या पद्मिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी का अधिक महत्व है। यह एकादशी 27 सितंबर को प्रात: 06:02 मिनट से प्रारंभ और 28 सितंबर को प्रात: 07.50 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी।
 
पौराणिक शास्त्रों के अनुसर जिस तरह अधिक मास 3 साल में एक बार आता है, उसी प्रकार यह एकादशी भी 3 साल में एक बार आती है।

आइए जानें इस दिन क्या खास करना चाहिए- 
 
1. इस दिन सुबह उठकर सच्चे मन से व्रत का संकल्प लेकर दैनिक क्रियाओं से निवृत होने के बाद भगवान श्रीविष्णु जी की धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प एवं मौसमी फलों से पूजा करना चाहिए। 
 
2. पद्मिनी एकादशी के दिन भगवान श्रीविष्णु के साथ ही सूर्य देवता की भी पूजा अवश्य करनी चाहिए।  
 
 
3. भगवान श्रीविष्णु को पंचामृत से स्नान अवश्य कराएं। 
 
4. इस दिन आप फलाहार का सेवन कर सकते हैं।
 
5. अधिक मास में इस एकादशी व्रत का महत्व तो स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर और अर्जुन को बताया था। अत: इस दिन भगवान विष्णु और सूर्य देवता का पूजन साथ-साथ करने से जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो जाता है और जीवन में खुशहाली आने लगती है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shri Krishna 26 Sept Episode 147 : युद्ध के पूर्व दुर्गा पूजा, अर्जुन का युद्ध करने से इनकार करना