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Panchak March 2022: अग्नि पंचक शुरू, जानिए समय और किन खास बातों का रखें ध्यान

हमें फॉलो करें Panchak March 2022: अग्नि पंचक शुरू, जानिए समय और किन खास बातों का रखें ध्यान
इस बार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी यानी महाशिवरात्रि के दिन से पंचक आरंभ हो गया है। शास्त्रों के अनुसार मंगलवार (Mangalwar) को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक (agni panchak 2022) कहलाता है। इस दिन अग्नि से बचना तथा क्रोध नहीं करना चाहिए।


ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ तथा हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। अत: इन 5 दिनों में विशेष संभलकर रहने की जरूरत  होती है, इसीलिए पंचक के दौरान कोई भी जोखिमभरा कार्य करने से बचना चाहिए। इस दिनों निर्माण कार्य,औजारों की खरीददारी नहीं करना चाहिए।
 
वर्ष 2022 में अग्नि पंचक की शुरुआत मंगलवार, 1 मार्च 2022 (agni panchak Start) से हो गई है। यह 5 दिनों का समयकाल हैं, जहां अधिक सावधान रहने की आवश्‍यकता है। इस दौरान कुछ ऐसे विशेष कार्य हैं जिसे करना ज्योतिष शास्त्र में वर्जित माना जाता है। 
 
मार्च 2022 में पंचक का समय-Panchak 2022 march date and time
 
पंचक का प्रारंभ- मंगलवार, 1 मार्च को सायंकाल 4.31 मिनट से शुरू। 
पंचक की समाप्ति- रविवार, 6 मार्च 2022 को सुबह 2.29 मिनट पर होगी। (agni panchak end) 
 
पंचक काल में करें ये खास उपाय-panchak remedies 
 
- अगर इन दिनों घर के मकान की छत डलवाना जरूरी हो तो ऐसे समय में मजदूरों को मिठाई खिलाएं, तत्पश्चात छत डलवाने का कार्य करें। 
 
- किसी रिश्तेदारी में शव दहन का समय हो या घर में अचानक किसी की मृत्यु हो गई हो तो पंचक होने के कारण शव दहन के समय 5 अलग पुतले बनाकर उन्हें अवश्य जलाएं। तत्पश्चात दाह संस्कार करें।
 
- पंचक में अगर ईंधन इकट्ठा करना जरूरी हो तो आटे से निर्मित पंचमुखी दीपक में तेल भरकर शिव जी के मंदिर में जलाएं, उसके बाद ईंधन खरीदें।
 
- पंचक के दौरान अगर किसी कारणवश दक्षिण दिशा की यात्रा करना ही पड़ें तो हनुमान मंदिर में 5 फल चढ़ाकर यात्रा करें।

 
- अगर घर में शादी का शुभ समय आ गया है और समय की कमी है तब लकड़ी का सामान खरीदना जरूरी हो तो गायत्री हवन करवा कर लकड़ी का फर्नीचर, पलंग तथा अन्य वस्तुएं की खरीदारी कर सकते हैं।

इन उपायों से पंचक में मिलने वाले अशुभ फलों में कमी आती है तथा आप बुरे संकट से बच सकते हैं। और इस समयावधि में अपनी वाणी को मधुर रखना चाहिए। 

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