* बेहद अशुभ माना गया है चोर पंचक, न करें बड़ा लेन-देन...
वर्ष 2018 का पहला पंचक काल शुक्रवार, 19 जनवरी से शुरू हो गया है। शुक्रवार से लगने वाला यह पंचक 'चोर पंचक' के नाम से जाना जाता है। दोपहर 1.1 मिनट से शुरू हुए इस पंचक का 23 जनवरी, मंगलवार को रात्रि अंत तक यानी सुबह लगभग 4.38 मिनट तक असर रहेगा। कई स्थानों पर इसे 24 जनवरी, बुधवार तक माना गया है।
पंचक शुरू हो चुका है। इसके अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इन्हीं नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक' कहा जाता है।
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार शुभ ग्रह और नक्षत्रों में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं, इसलिए हमेशा सही ग्रह-नक्षत्रों को देखकर ही कोई भी कार्य शुरू करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है।
अत: इन दिनों में विशेष संभलकर रहने की आवश्यकता होती है। इसीलिए शुक्रवार से शुरू हुए चोर पंचक के दौरान कोई भी जोखिमभरा कार्य करने से बचना चाहिए। इस दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही धन से जुड़े कोई कार्य भी पूर्णत: निषेध माने गए हैं।
ऐसी मान्यता है कि इस दौरान धनहानि होने की आशंकाएं प्रबल रहती हैं। अत: इस दौरान यात्रा, बड़ा व्यापारिक लेन-देन, व्यापार और किसी बड़े सौदे को करने से बचना चाहिए। अत: आर्थिक तौर से नुकसान से बचने के लिए इन दिनों विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है।