Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

22 जून से लग रहा है पंचक काल, 27 जून तक रहें संभलकर, करें ये खास उपाय

हमें फॉलो करें 22 जून से लग रहा है पंचक काल, 27 जून तक रहें संभलकर, करें ये खास उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार को शुरू होने वाला पंचक 'मृत्यु पंचक' कहलाता है। इसके नाम से ही यह पता चलता है कि यह पंचक मृत्यु के बराबर कष्ट देने वाला होता है। अशुभ दिन से शुरू होने वाले इस पंचक के 5 दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। 
 
ज्योतिष में अशुभ समय होने पर शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। इसी के चलते पंचक के समय हर किसी को शुभ कार्य करने से रोका जाता है। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है। 
 
इस बार शनिवार, 22 जून को सुबह 07.39 मिनट से शुरू होने वाला यह पंचक काल 27 जून, गुरुवार 07.43 मिनट तक जारी रहेगा। 
 
शास्त्रों के अनुसार शनिवार के दिन के पंचक को मृत्यु पंचक का नाम दिया गया है। पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इन्हीं नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक' कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। अत: इन दिनों में विशेष संभल कर रहने की आवश्यकता होती है। 
 
इसीलिए शनिवार से शुरू हुए पंचक के दौरान कोई भी जोखिम भरा कार्य करने से बचना चाहिए। इस दिन कार्य शुरू करने से उस व्यक्ति के साथ किसी अनहोनी या दुर्घटना होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती है। यहां तक कि मृत्यु तक की आशंका बनी रहती है, क्योंकि पांच पंचकों में सबसे अधिक कष्टकारक शनि पंचक माना गया है। 
 
ज्योतिष के अनुसार पंचक के 5 दिनों में कई कार्य ऐसे होते हैं, जो सपंन्न नहीं किए जा सकते लेकिन किसी कारणवश इस दौरान अगर कोई कार्य पूर्ण करना बहुत ज्यादा जरूरी हो तो कुछ ऐसे उपाय भी है, जिनको अपना कर आप अपना जरूरी कार्य कर सकते हैं। 
 
पंचक के दिनों में करें यह महाउपाय :- 
 
* पंचक के दौरान अगर किसी कारणवश दक्षिण दिशा की यात्रा करना ही पड़ें तो हनुमान मंदिर में 5 फल चढ़ाकर यात्रा करें।
 
* अगर घर में शादी का शुभ समय आ गया है और समय की कमी है तब लकड़ी का समान खरीदना जरूरी हो तो गायत्री हवन करवा कर लकड़ी का फर्नीचर की खरीदारी कर सकते हैं।
 
* अगर इन दिनों घर के मकान की छत डलवाना जरूरी हो तो ऐसे समय में मजदूरों को मिठाई खिलाएं, तत्पश्चात छत डलवाने का कार्य करें। 
 
* किसी रिश्तेदारी में शव दहन का समय हो या घर में ‍अचानक किसी की मृत्यु हो गई हो तो पंचक होने के कारण शव दहन के समय 5 अलग पुतले बनाकर उन्हें अवश्य जलाएं। तत्पश्चात दाह संस्कार करें। 
 
* पंचक में अगर ईंधन इकट्ठा करना जरूरी हो तो पंचमुखी दीपक (आटे से निर्मित, तेल से भरकर) शिवजी के मंदिर में जलाएं, उसके बाद ईंधन खरीदें।
 
आरके. 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

साप्ताहिक भविष्यफल : जानिए, इस सप्ताह किस राशि के चमक रहे हैं सितारे