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इन लक्षणों से समझें कि आप पितृदोष से पीड़ित हैं...

हमें फॉलो करें इन लक्षणों से समझें कि आप पितृदोष से पीड़ित हैं...
- आचार्य संजय

* ये हैं पितृ दोष से पीड़ित जातक के लक्षण
 

 
जैसे कोई चिकित्सक अपने मरीज के लक्षणों को देखकर रोग का पता करता है, उसी प्रकार पितृ दोष से पीड़ित जातक की कुंडली का अध्ययन कर ग्रह उपचार के द्वारा पितृदोष का निवारण किया जा सकता है।
 
ज्योतिष में सूर्य को पिता का कारक व मंगल को रक्त का कारक माना गया है। अतः जब जन्मकुंडली में सूर्य या मंगल, पाप प्रभाव में होते हैं तो पितृदोष का निर्माण होता है। इस प्रकार कुंडली से समझा जाता है कि जातक पितृदोष से युक्त है। यदि समय रहते, इस दोष का निवारण कर लिया जाए तो पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।
 

आगे पढ़ें जातक के लक्षण...
 

 

पितृ दोष से पीड़ित जातक के कुछ प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं :

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* पिता से अच्छा तालमेल नहीं बैठ पाता।
 
* जीवन में किसी आकस्मिक नुकसान या दुर्घटना के शिकार होते हैं। 
 
* संतान उत्पत्ति में समस्या आती है। गर्भपात होने की आशंका और स्थिति पैदा होती हैं। 
 
* जातक का पिता बीमार रहता है या स्वयं को ऐसी बीमारी होती है जिसका पता नहीं चल पाता। 
 
* राजकीय सेवा या नौकरी में अक्सर उन्हें अपने अधिकारियों के कोप का सामना करना पड़ता है। 
 
* पितृ दोष वाले जातक क्रोधी स्वभाव वाले होते हैं। इन्हें अक्सर मानसिक व्यथा का सामना करना पड़ता है।
 
* आत्मबल में कमी रहती है। स्वयं निर्णय लेने में परेशानी होती है। वस्तुतः लोगों से अधिक सलाह लेनी पड़ती है।
 
* विवाह व शिक्षा में बाधाओं के साथ वैवाहिक जीवन अस्थिर-सा बना रहता है। परीक्षा एवं साक्षात्कार में असफलता मिलती है। 

 

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