व्यक्ति ने किस पक्ष की किस तिथि के किस प्रहर के किस मुहूर्त और नक्षत्र में जन्म लिया इससे उसका भविष्य निर्धारित होता। सिर्फ प्रहर नहीं सभी को देखकर ही कुछ कहा जा सकता है। जातक ने किस प्रहर में जन्म लिया है इस संबंध में सामान्य जानकारी।
रात का दूसरा प्रहर : रात के दूसरे प्रहर को निशिथ कहते हैं। यह प्रहर रात की 9 बजे से रात की 12 बजे के बीच का होता है। इस प्रहर में तामसिक और राजसिक अर्थात दोनों ही गुणों की प्रधानता होती है लेकिन यह पूर्णत: नकारात्मक नहीं होता। इस प्रहर में जन्म लेने वालों बच्चों के अंदर कलात्मक क्षमता बहुत होती है। हालांकि देखा गया है कि उनकी शिक्षा में बाधा के योग बनते हैं। यदि शिक्षा पूर्ण नहीं होगी या शिक्षित नहीं होगा तो आगे का उसका भविष्य भी अंधकार से घिरा होगा ऐसा जरूरी नहीं है।
इस प्रहर में क्या करें : इस प्रहर में भूलकर भी फूल या पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और ना ही किसी वृक्ष को छोड़ना चाहिए। ऐसा करने से पाप लगता है। इस प्रहर में किसी भी प्रकार की खरीददारी भी नहीं करना चाहिए। इस प्रहर में बने भोजन का कुछ हिस्सा पशु को खिलाएंगे तो आर्थिक रूप से हमेशा मजबूत बने रहेंगे।