व्यक्ति ने किस पक्ष की किस तिथि के किस प्रहर के किस मुहूर्त और नक्षत्र में जन्म लिया इससे उसका भविष्य निर्धारित होता। सिर्फ प्रहर नहीं सभी को देखकर ही कुछ कहा जा सकता है। जातक ने किस प्रहर में जन्म लिया है इस संबंध में सामान्य जानकारी।
रात का तीसरा प्रहर : रात के तीसरे प्रहर को त्रियामा कहते हैं जो 12 बजे से रात के 3 बजे के बीच का होता है। इस मध्यरात्रि भी कहते हैं। यह समय शुद्ध रूप से तामिसक माना गया है। इस प्रहर में जो बच्चे जन्म लेते हैं वे अपने घर से दूर जाकर करियर में सफलता पाते हैं। यह भी देखा गया है कि उन बच्चों का अपने परिवार से अच्छा संबंध नहीं रहता इसीलिए भी वे घर परिवार से दूर ही रहते हैं। हालांकि यह उनके भविष्य के लिए अच्छा सिद्ध नहीं होता। जीवन उनके लिए संघर्ष जैसा होता है।
इस प्रहर में क्या करें : यह समय पूर्ण विश्राम का ही होता है। इस प्रहर में भोजन, स्नान या ध्यान करना वर्जित है। ऐसा करने से भारी नुकसान उठाना होता है। इस प्रहर में प्रार्थना करने से वह तुरंत फलदायी होती है।