प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राष्ट्रीय पक्षी मोर के साथ अपना वीडियो सोशल मीडिया पर जब से साझा किया तभी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी किसी बड़े एक्शन की तैयारी कर रहे हैं। आखिर सोशल मीडिया में क्या चल रहा है इसको लेकर और शास्त्र क्या कहता है?
सोशल मीडिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस वीडियो में मोर को दाना खिलाते हुए नजर आ रहे हैं, मोर और मोर के बच्चों के साथ प्रधानमंत्री का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है साथ ही कुछ लोग ये अनुमान भी लगा रहे हैं कि मोदी का मोर को दाना खिलाना किसी युद्ध का संकेत हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं व्यक्ति की जा रही है और इसके अलग-अलग अंदाज में मायने भी निकाले जा रहे हैं।
ज्योतिष और शास्त्र के विद्वानों का अनुमान : मोर या मयूर को कार्तिकेय का वाहन माना जाता है। सनातन हिन्दू शास्त्रों में कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति कहा गया है। जब असुरों का आतंक बड़ा तो देवताओं ने कार्तिकेय को अपना सेनापति नियुक्त करके असुरों के आतंक से मुक्ति पाई थी। वीर कार्तिकेय को सनातन धर्म में युद्ध का देवता माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार जब भी कोई राजा युद्ध पर जाता था तो वह गणेशजी के साथ ही कार्तिकेय स्वामी की पूजा अवश्य करता था क्योंकि वे मंगल ग्रह के स्वामी भी माने जाते हैं जो कि युद्ध में विजयी दिलाने वाला ग्रह है। माना जा रहा है कि मोदी जी भी यही चाहते होंगे कि किसी बड़े एक्शन से पहले शिवपुत्र कार्तिकेय का साथ मिल सके।
दक्षिण भारत में कार्तिकेय को सबसे बड़ा देवता माना जाता है। उन्हें वहां पर सुब्रमण्यम और मुरुगन कहा जाता है। उनका एक नाम षडासन और स्कंद भी है। कार्तिकेय तारकासुर का वध करके देवों को उनका स्थान प्रदान करते हैं। पुराणों के अनुसार षष्ठी तिथि को कार्तिकेय भगवान का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है।
कार्तिकेय की पूजा मुख्यत: दक्षिण भारत में होती है। अरब में यजीदी जाति के लोग भी इन्हें पूजते हैं, ये उनके प्रमुख देवता हैं। उत्तरी ध्रुव के निकटवर्ती प्रदेश उत्तर कुरु के क्षेत्र विशेष में ही इन्होंने स्कंद नाम से शासन किया था। इनके नाम पर ही स्कंद पुराण है। भगवान स्कंद 'कुमार कार्तिकेय' नाम से भी जाने जाते हैं।
हालांकि यह मात्र अनुमान ही है। इसके कई मायने निकाले जा सकते हैं परंतु देखा जाए तो पीएम आवास परिसर में मोर रहते है ही हैं और नरेंद्र मोदी इससे पहले भी उन्हें दाना खिलाते रहे हैं परंतु पहली बार वीडियो शेयर करने के कारण लोग कई तरह के कयास लगाने लगे हैं। इन कयासों में कोई सत्यता नजर नहीं आती है।