पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद आइए जानें देश की कुंडली के अनुसार कि आखिर देश के जवानों पर ऐसी विकट समस्या अचानक से कैसे आन पड़ी?
स्वतंत्र भारत की कुंडली वृष लग्न से उदित हुई है और कुंडली आधारित राशि की बात करें तो कर्क राशि बनती है देश की लग्न भाव में राहु दूसरे भाव में मंगल तीसरे भाव में शुक्र सूर्य चंद्र बुध शनि इन पांच ग्रहों की युति छठे भाव में गुरु सातवें भाव में केतु...
कुंडली के विस्तृत विश्लेषण के बजाय पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले को लेकर वर्तमान स्थिति का विवेचन जरूरी है।
सबसे पहले बात दशाओं की : चंद्रमा की महादशा में गुरु का अंतर चल रहा है जो 11 अगस्त 2018 से 11 दिसंबर 2019 तक रहेगा वृष लग्न में चंद्रमा और गुरु दोनों प्रतिकूल प्रभाव देने वाले ग्रह है। दोनों ही ग्रह क्रूर भाव तीसरे आठवें और 12 भाव के स्वामी है इसमें गुरु शत्रु भाव में ही स्थित होने से शत्रु द्वारा आत्मघाती हमला हुआ।
सितारों के संकेत हैं कि भारत को सीमा युद्ध जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है हालांकि चंद्रमा की महादशा 10 सितंबर 2015 से 10 सितंबर 2025 तक रहेगी लेकिन जब चंद्रमा की महादशा में शनि का अंतर आएगा 11 दिसंबर 2019 से 11 जुलाई 2021 तक यह समय भारत के लिए भाग्योदय कारक रहेगा।
चंद्र शनि के विष योग के बीच भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की कुंडली के कारण कई देश भारत के पक्ष में खड़े दिखाई देंगे कूटनीतिक तरीके से पाकिस्तान का नापाक चेहरा पूरी दुनिया के सामने उजागर हो सकता है...
इस समय में भारतीय सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित अन्य आतंकी ठिकानों क निशाना बना सकती है लेकिन भारत की वार्षिक कुंडली की बात करें तो 2019 में मुंथा आठवें भाव में स्थित है और साथ ही मुंथेश शुक्र शत्रु सूर्य के साथ स्थित है, यह बहुत बड़ा या कहें कि भारी परिवर्तन या विनाशकारी संकेत कर रहा है क्योंकि पाकिस्तान की ओर से भी सैन्य कार्रवाई की जा सकती है।
वर्ष 2020 और 2021 भी देश के लिए घातक साबित हो सकते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच इन दो वर्षों में रिश्ते इतने खराब हो सकते हैं कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भी खत्म हो सकते हैं। पाकिस्तान को भारी क्षति का सामना करना पड़ सकता है और साथ यह देश पूरा टूट कर बिखर सकता है।
आचार्य पं. भवानीशंकर वैदिक