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कुंडली के बारह भाव में राहु का फल, जरूर जानें

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, शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016 (13:57 IST)
1. लग्न में राहु हो तो जातक दुष्ट, मस्तिष्क रोगी, स्वार्थी, राजद्वेषी, कामी एवं अल्पसंतति वाला होता है। 

2. दूसरे भाव में राहु हो तो परदेशगामी, अल्पसंतति, अल्प धनवान होता है।

3 . तीसरे भाव में राहु हो तो बलिष्ठ, विवेकयुक्त, प्रवासी, विद्वान एवं व्यवसायी होता है।

 4. चौथे भाव में हो तो असंतोषी, दुखी, मातृ क्लेशयुक्त, क्रूर, कपटी एवं व्यवसायी होता है।

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 5. पांचवें भाव में हो तो उदर रोगी, मतिमंद, धनहीन, भाग्यवान एवं शास्त्र प्रिय होता है। 
6. छठे भाव में विधर्मियों द्वारा लाभ, निरोग, शत्रुहंता, कमर दर्द पीड़ित, अरिष्ट निवारक एवं पराक्रमी होता है। 
7. सातवें भाव में हो तो स्त्री नाशक, व्यापार में हानिदायक, भ्रमणशील, वातरोग जनक, लोभी एवं दुराचारी होता है।

8 . आठवें भाव में राहु हो तो पुष्टदेही, क्रोधी, व्यर्थ भाषी, उदर रोगी एवं कामी होता है। 
9. नौवें भाव में राहु हो तो प्रवासी, वात रोगी, व्यर्थ परिश्रमी, तीर्थाटनशील, भाग्यहीन एवं दुष्ट बुद्धि होता है। 
10. दसवें भाव में राहु हो तो आलसी, वाचाल, मितव्ययी, संततिक्लेशी तथा चंद्रमा से युत हो तो राजयोग कारक होता है। 

11. ग्यारहवें भाव में राहु हो तो मंदमति, लाभहीन, परिश्रमी, अल्प संततियुक्त, अरिष्ट नाशक एवं सफल कार्य करने वाला होता है।
 12. बारहवें भाव में राहु हो तो विवेकहीन, मतिमंद, मूर्ख, परिश्रमी, सेवक, व्ययी, चिंतनशील एवं कामी होता है।

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