राहु को छाया ग्रह माना गया है। कुंडली में राहु की स्थिति हमारे जीवन को प्रभावित करती है। राहु अगर शुभ स्थिति में है तो आपके सभी कार्य बनने लगते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है और अगर वह अशुभ स्थिति में है तो खुशमय जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति ऐसे निर्णय लेने लगता है, जिससे ना सिर्फ उस पर बल्कि परिवार को भी दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
राहु 23 सितंबर दिन बुधवार को मिथुन राशि से निकलकर वृषभ में वक्री गए हो हैं। राहु के इस परिवर्तन से सभी पर इसका असर पड़ेगा।
ऐसे में ज्योतिष विद्या में राहु की बुरी दृष्टि से बचने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं।
आइए जानते हैं ज्योतिष के उन उपायों के बारे में…
इस मंत्र का करें जप
राहु की अशुभ दृष्टि से बचने के लिए हर रोज उनके मंत्र की एक माला जप करनी चाहिए।
राहु मंत्र – ॐ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा कयाशश्चिष्ठया वृता।
यह राहु का वैदिक मंत्र है, इस मंत्र को शनिवार से शुरू करें और हर रोज रात के समय करें। इससे आपको राहु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी।
शास्त्रों में कबूतर को बाजरा खिलाने के कई लाभ बताए हैं। राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कबूतर को हर रोज बाजरा खिलाना चाहिए। इससे ना सिर्फ पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि घर में सुख-शांति में भी वृद्धि होती है। साथ ही सभी सभी कष्टों का समाधान भी होता है।
राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए चांदी की धातु से बनी नाग की आकृति वाली अंगूठी अनामिका यानी छोटी उंगली के पास वाली उंगली में धारण करनी चाहिए। साथ ही आप गोमेद भी धारण कर सकते हैं। जिस दिन अंगूठी पहनें उस दिन राहु की सामग्री भी दान में देनी चाहिए। इस अंगूठी के पहनने से पितृ दोष और ग्रहण दोष भी दूर होता है।
राहु की अशुभ दृष्टि से बचने के लिए हर रोज घर में चंदन की धूप जलाएं और अपने पास हमेशा मोर पंख बटुए में रखें या फिर बेडरूम या फिर ऐसी जगह जहां आते-जाते समय आपकी दृष्टि उस पर जाए। ऐसा करने से आपके मन का भय दूर होता है और राहु की दशा का अशुभ प्रभाव भी कम होता है।
राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कुष्ठ आश्रम में दान करना चाहिए।
दान देने से राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है। घर में सुख-शांति का वास होता है, साथ ही वंश वृद्धि भी होती है।