Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

राहु-केतु ने किया राशि परिवर्तन, पढ़ें 12 राशियों पर प्रभाव

Advertiesment
हमें फॉलो करें Rahu Ketu Transit 2016
webdunia

कु. सीता शर्मा

पंचांग गणना के अनुसार 28/01/2016 सुबह 5 बजे राहु उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। वही केतु ग्रह भी 28/01/2016 को सुबह 5 बजे पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। यह दोनों ग्रह इन राशियों पर 18 महीने रहेंगे। 
 

 
जानिए क्या होगा राहु-केतु के परिवर्तन का बारह राशियों पर प्रभाव : -
 
 
 


 

मेष राशि - 

राहु अपने शत्रु सूर्य के सिंह राशि में पंचम स्थान में गोचर करेंगे, वहीं केतु 11वें भाव में रहेंगे। विद्याध्ययन क्षेत्र में कठिनाई, संतान पक्ष से संकट परंतु आय के क्षेत्र में विशेष सफलता व सामान्य से कही अधिक लाभ होगा। 
 



 

वृषभ राशि 

राहु अपने शत्रु सिंह राशि में चौथे भाव में केतु दसवें भाव में गोचर करेंगे। इस राशि के लिए भूमि-संपत्ति व सुख के साधनों में कमी तथा कुछ कठिनाई के बाद सफलता मिलती रहेगी। लापरवाही से नुकसान हो सकता है। 
 
 

 

मिथुन राशि 

राहु अपने शत्रु सिंह राशि से तीसरे और केतु नवम भाव में गोचर करेगा। यह समय पराक्रम में वृद्धि और उन्नतिदायक रहेगा। कुछ धर्म के क्षेत्र में कमी रहेगी परंतु सफलता मिलेगी। 
 
 



 

कर्क राशि 

राहु अपने शत्रु सिंह की राशि में द्वितीय भाव में व केतु आठवें भाव में गोचर भ्रमण करेगा धर्म, कुटुंब में कमी रहेगी परंतु हिम्मती व परिश्रमी रहना होगा, यह समय शांति से निकालना ही उचित रहेगा। सजगता जरूरी है। 
 
 

 

सिंह राशि 

राहु अपने शत्रु सिंह राशि से प्रथम भाव व केतु सातवें भाव में रहेंगे। शारीरिक सुख में कमी, चालाकी व धूर्त प्रवृत्ति रहेगी। जीवन साथी के साथ मतभेद व सेहत को लेकर चिंता रहेगी। व्यवसाय पक्ष से कठिनाई का सामना करना पडे़गा। 
 
 

 

कन्या राशि 

राहु अपने शत्रु सूर्य की सिंह राशि में व्यय स्थान पर व केतु छठवें भाव में रहेंगे। खर्च अधिक होगा, परिश्रम अधिक रहेगा, बाहरी स्थानों से संकट रहेगा। रोग शत्रु पर प्रभाव रहेगा। कोर्ट-कचहरी के मामले में सफलता मिल सकती है।
 
 


 


तुला राशि 

राहु अपने शत्रु सूर्य की सिंह राशि में ग्यारहवें भाव में रहने से अप्रत्याशित लाभ, आय में वृद्धि, परंतु संतान पक्ष से कष्ट व विद्या में अड़चन रहेगी।  
 
 

 


वृश्चिक राशि 

राहु अपने शत्रु सिंह राशि के दसवें घर में, वहीं केतु चौथे स्थान में भ्रमण करेगा। पिता से परेशानी। व्यवसाय के क्षेत्र में कठिनाई एवं भूमि-वाहन सुख में कमी व क्लेश रहेगा।
 
 


 

धनु राशि 

राहु अपने शत्रु सूर्य की सिंह राशि में नवम भाव में व केतु तृतीय भाव में रहेगा। भाग्य उन्नति में कमी। आर्थिक मामलों में उतार-चढाव, पराक्रम में वृद्धि एवं कठिन परिश्रम करना पड़ सकता है। 
 
 


 


मकर राशि 

राहु अपने शत्रु सूर्य की सिंह राशि में अष्टम भाव में व केतु द्वितीय भाव में गोचर रहेगा। जीवन सरलता से गुजरेगा, कष्ट दूर होंगे। वैसे यह साल सजगता से रहने का है। कुटुंब से हर्ष रहेगा एवं धन की आवक भरपूर होगी। 
 
 



 

कुंभ राशि 

राहु अपने शत्रु सूर्य की सिंह राशि में सप्तम भाव में व केतु प्रथम भाव में गोचर रहेगा। हर तरफ से सफलता और प्रगति के संदेश मिलेंगे। पराक्रम में वृद्धि होगी। खुशियों का वातावरण बनेगा। 
 
 


 

मीन राशि 

राहु अपने शत्रु सूर्य की सिंह राशि में छठवें भाव में व केतु बारहवें भाव में रहेगा, अत: सावधान रहना जरूरी है। शत्रु पक्ष कोर्ट-कचहरी से सफलता मिलेगी। बाहरी संबंधों में सहजता रहेगी। चतुराई से काम निकालने में सक्षम रहेंगे। परीक्षा में सफलता मिलेगी। 

 


आगे पढ़ें राहु-केतु के प्रभाव से ग्रसित जातक क्या उपाय करें... 



 

 

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु दो ऐसे ग्रह है जो हमेशा वक्रीय चाल से चलते हैं। और हमेशा एक-दूसरे के सामने होते है। इन दोनों के राशि परिवर्तन से सभी राशियां प्रभावित होगी। 
 
खास तौर पर राहु से वृषभ, कन्या और मकर वालों पर और केतु से कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों पर प्रभाव अधिक रहेगा। अनुकूलता के लिए 84 महादेव के अंतर्गत 10वें नंबर पर आने वाले स्वयंभू कर्कोटेश्वर महादेव का पूजन व अभिषेक करना लाभदायी रहेगा। यह मंदिर उज्जैन में हरसिद्धि मंदिर के समीप है। 

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi