राहु ने 18 अगस्त से 18 महीने के लिए सिंह को छोड़कर कर्क राशि में और केतु ने मकर राशि में प्रवेश कर लिया है। कर्क और मकर राशि में राहु केतु स्थित होने से इन राशियों के जातक पर अधिक मानसिक दबाव, गलतफहमियां, भ्रमित अवस्था, पारिवारिक कलह, बनते कार्य बिगड़ना जैसे फल अधिक मात्रा में प्राप्त होंगे।
राहु-केतु अचानक परिवर्तन और दुर्घटनाओं के कारक भी होते हैं। ऐसा नहीं है कि सभी घटनाएं अशुभ हों, कुछ घटनाएं शुभ भी होती हैं लेकिन हर कार्य रुक-रुककर और परेशानियों के साथ ही होते हैं।
राहु, केतु की शांति के लिए तारा सहस्रनाम के पाठ कर सकते हैं। राहु का प्रभाव तरंगों पर अधिक होता है अत: संचार सेवाओं की दर अकल्पनीय रूप से सस्ती होगी।
कर्क का राहु क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा, मगर यह 18 महीने राष्ट्र की व्यवस्थाओं में सकारात्मक परिवर्तनकारी एवं संसद द्वारा जनहित में नए कानूनों का निर्माण आदि कार्य विशेष रूप से होंगे।