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शनिश्चरी अमावस्या पर सूर्य ग्रहण और शनि के मीन में गोचर का दुर्लभ संयोग, गलती से भी न करें ये कार्य

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हमें फॉलो करें शनिश्चरी अमावस्या पर सूर्य ग्रहण और शनि के मीन में गोचर का दुर्लभ संयोग, गलती से भी न करें ये कार्य

WD Feature Desk

, शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (16:07 IST)
29 मार्च 2025 शनिवार के दिन अमावस्या रहेगी। यानि शनिश्‍चरी अमावस्या। इसी दिन वर्ष का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इसी दिन शनि ग्रह अपनी खुद की मूल त्रिकोण राशि कुंभ से निकलकर बृहस्पति की राशि मीन में गोचर करेंगे जहां पर पहले से ही विराजमान है मायावी ग्रह राहु। राहु और शनि की इस राशि में युति बनने से पिशाच योग का निर्माण भी होगा। इस दुर्लभ और अशुभ योग के चलते कुछ गलतियां बिल्कुल नहीं करें।ALSO READ: सूर्य ग्रहण वाले दिन शनि ग्रह जाने वाले हैं मीन राशि में, 6 राशियों के जीवन में होगा कुछ बड़ा बदलाव
 
1. बेजुबान जानवरों यानी गाय, कुत्ते, पशु, पक्षियों को नुकसान न पहुंचाएं। क्योंकि ऐसा करने से शनिदेव क्रोधित होकर दंड दे सकते हैं। 
 
2. माता, पिता, बुर्जुग, महिलाओं, मजदूर, सफाईकर्मी, दिव्यांग आदि का अपमान न करें। ऐसा करने से शनि का दुषप्रभाव शुरू हो जाता है। 
 
3. अमावस्या के दिन बाल, नाखून और दाढ़ी काटना अशुभ माना जाता है। 
 
4. इस दिन शराब पीना और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इससे शनि और राहु दोनों ही जीवन पर दुष्प्रभाव डालेंगे।
 
5. शनि के मंदे कार्य न करें। जैसे शराब पीना, ब्याज का धंधा करना, पराई महिला पर नजर रखना, कमजोरों और बेजुबानों को सताना, धर्म का अपमान करना, गंदा बने रहना, झूठ बोलना, छल कपट करना, हमेशा क्रोध करते रहना आदि।
 
शनि के मंदे कार्यों से बचने के उपाय: 
  • शनिवार के दिन शाम को छाया दान करें।
  • प्रतिदिन माथे पर हल्दी या चंदन का तिलक लगाएं।
  • गरीबों, निर्धन लोगों, सफ़ाईकर्मियों, विधवाओं, अंधों, और वृद्धों का सम्मान करें और उन्हें भोजन कराएं।
  • उड़द की खिचड़ी का वितरण करें।
  • गुरुवार और शनिवार के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • शनिदेव को खुश करने के लिए दान-पुण्य करें।
  • शनि यंत्र की पूजा करें।
  • शनि मंत्र का जाप करें।
  • कुत्तों की सेवा करें।
  • हनुमान जी की आराधना करें।
  • शिव जी की पूजा करें।
 

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