रविवार, 11 अक्टूबर को रवि पुष्य नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। रवि पुष्य नक्षत्र का विशेष फल मिलता है। सूर्य के दिन शनि के नक्षत्र पुष्य का होना अमृत के समान परिणाम देता है। रवि पुष्य नक्षत्रों का राजा माना जाता है। वैसे तो पुष्य नक्षत्र हर माह आता है, लेकिन रवि पुष्य नक्षत्र का ऐसा शुभ संयोग वर्ष में एक या दो बार ही बनता है।
इस दिन सोना-चांदी व तांबा खरीदना कई बाधाओं को दूर करने वाला होता है तथा घर-परिवार में अत्यंत सुखद स्थिति लाता है। रवि-पुष्य नक्षत्र में सोने-चांदी व तांबे की अंगूठी धारण करना श्रेष्ठ फलदायी होता है।
इस बार अधिक मास में पुष्य नक्षत्र का संयोग रवि पुष्य के दिन बनने के कारण खरीदारी के लिए यह दिन अतिशुभ है। इस दिन की गई खरीदारी मंगलमयी एवं स्थायी फल देने वाली मानी जाती है। जानिए दिनभर के पुष्य नक्षत्र का शुभ समय-
पुष्य नक्षत्र का शुभ समय जानिए :-
इस बार पुष्य नक्षत्र का समय 10 अक्टूबर को रात्रि 8.54 मिनट से 11 अक्टूबर रात्रि 8.58 तक है)। पुष्य नक्षत्र का शुभ समय रविवार, 11 अक्टूबर को निम्नानुसार रहेंगे। कैलेंडर के मत-मतांतर के समय कम ज्यादा हो सकता है।
* शुभ- दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक, सायंकाल 6 से 7.30 बजे तक।
* लाभ- सुबह 9 से 10.30 मिनट तक।
* अमृत- सुबह 10.30 से 12 बजे तक, रात्रि 7.30 से 9 बजे तक।
* चर- सुबह 7.30 मिनट से 9 मिनट तक, रात्रि 9 से 10.30 बजे तक।