पुण्य-पवित्र श्रावण मास प्रारंभ हो चुका है। श्रावण मास में शिव-आराधना का विशेष महत्व होता है। इस पवित्र महीने में मास भर भूतभावन भगवान महादेव का अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रावण मास में आप एक छोटे से उपाय से अपनी जन्मपत्रिका में बने गंभीर दोषों के दुष्प्रभावों कम कर सकते हैं! यदि नहीं तो आज हम "वेबदुनिया" के पाठकों को यह अत्यंत लाभकारी जानकारी देंगे।
रुद्राक्ष धारण से दोष निवारण-
रुद्राक्ष को हमारे शास्त्रों ने अत्यंत पवित्र माना है। किंवदती है कि रुद्राक्ष भगवान शिव की आंख का अश्रु है। रुद्राक्ष एक से लेकर चौदह मुखी तक पाए जाते हैं। एक मुखी रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ होने के साथ-साथ साक्षात भगवान शिव का प्रत्यक्ष रूप माना जाता है। इस श्रावण में मास में उचित रुद्राक्ष धारण कर जन्मपत्रिका में बने अशुभ योगों के दुष्प्रभाव में कम कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि जन्मपत्रिका के किस दोष के लिए कौन सा रुद्राक्ष श्रावण मास में धारण किया जाना श्रेयस्कर रहेगा-
1. मांगलिक योग-
-मांगलिक योग की शांति के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
2. ग्रहण योग-
- ग्रहण योग की शांति के लिए 2 एवं 8 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
3. केमद्रुम योग-
- केमद्रुम योग की शांति के लिए 13 मुखी रुद्राक्ष चांदी में धारण करना लाभप्रद रहता है।
4. शकट योग-
- शकट योग की शांति के लिए 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
5. कालसर्प दोष-
- कालसर्प दोष की शांति के लिए 8 व 9 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
6. अंगारक योग-
- अंगारक योग की शांति के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
7. चांडाल दोष-
- चांडाल दोष की शांति के लिए 5 व 10 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
(विशेष- उपर्युक्त उपाय से समुचित लाभ के लिए रुद्राक्ष का असली व शुद्ध होना अनिवार्य है।)
-ज्योतिर्विद् पं. हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र