शनि ग्रह न्याय करने वाले हैं। शनि महाराज अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे फल, जबकि बुरे कर्म करने वालों को दंडित करते हैं।
जरुरी नहीं कि हर व्यक्ति को शनि की दशा में कष्ट और परेशानियों का सामना करना पड़े। जन्मपत्री में शनि की प्रतिकूल स्थितियां होने पर शनि महाराज अपनी दशा, अन्तर्दशा, महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या में सताते हैं। ये 10 संकेत बताते हैं कि आपकी कुंडली में शनि भारी है...
खाने-पीने में मांस मदिरा के प्रति रुचि बढ़ना शनि के प्रभाव में वृद्धि का संकेत माना जाता है।
जूते-चप्पलों का चोरी होना।
घर की किसी दीवार का ढहना।
कानों में परेशानी होना, पैर की हड्डियों में तकलीफ भी शनि का प्रभाव माना जाता है।
घर, दुकान या आपकी फैक्ट्री में आग लगाना शनि के अशुभ परिणाम के संकेत माने गए हैं।
अवैध प्रेम संबधों की ओर रुचि बढ़ना भी शनि के बुरे प्रभाव के लक्षण हैं।
घर में मौजूद किसी पालतू पशु की अचानक मृत्यु भी शनि के आगमन का संकेत है।
अपने सौन्दर्य और वस्त्र के प्रति लापरवाह होना यानी गंदे वस्त्र पहनना भी शनि का प्रभाव माना गया है।
नौकरी व्यवसाय में बाधा के कारण आय में कमी आना।