हिंदू धर्म में कार्तिक मास का बहुत अधिक महत्व होता है। आज कार्तिक मास का पहला शनिवार है। इस समय मकर, कुंभ, धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए कार्तिक मास के पहले शनिवार के दिन ये उपाय करें और शनि के बुरा प्रभाव से बच लें।
	 
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	
		1. मिथुन : 
		- मसालेदार भोजन का त्याग कर दें। 
		- दरवाजे के पास मनी-प्लांट न लगाएँ। 
 
		- चमड़े की जैकेट न पहने। 
		- हरे रंग का उपयोग न करें।
		- दुर्गा माता की उपासना करें।
		 
		 
		2. तुला : 
		- लक्ष्मी की उपासना करें।
		- सफेद वस्त्र दान करें। 
								
								
								
										
			        							
								
																	
		- भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे, और कुत्ते को दें।
		- स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें। 
		- सुगन्धित इत्र या सेंट का उपयोग करें।
		 
		3. धनु : 
		- पीपल में जल चढ़ाएँ।
		- घर में धूप-दीप दें। 
		- गीता का पाठ या कृष्ण नाम जपें। 
		- हल्दी की गाँठ घर में रखें आदि।
		- मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।
		 
		4. मकर :
		- तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान देना चाहिए। 
		- चींटी और कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलावें। 
		- अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
		- नीम की दातून से दांत साफ करें।
		- भैरव महाराज को कच्चा दूध चढ़ाएं।
		 
		5. कुंभ : 
		- शनि का दान करें।
		- दांत साफ रखें।
		- जुआ सट्टा न खेलें।
		- शनि के मंदे कार्य न करें।
		- शनि स्तोत्र का पाठ करें।
		 
		पांचों राशि वाले ये उपाय करें
		- मां मदिरा का इस दिन और पूरे कार्तिक मास के लिए त्याग कर दें।
		- नीम की लड़की से दातून करें।
		- हनुमान चालसी का पाठ करें।
		- छायादान करें, अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसों का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा मांगते हुए रख आएं।
		- शनि के मंदिर कार्य न करें। जैसे शराब पीना, मांस खाना, ब्याज का धंधा करना, झूठ बोलना आदि।