Shani ka meen rashi me gochar: 29 मार्च 2025 को शनि ग्रह अपनी स्वयं की कुंभ राशि से निकलकर बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करेगा। शनि एक राशि से दूसरी राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि के मीन में जाने से 5 राशियों को परेशानियों से बचकर रहना होगा।
फिलहाल शनि के कुंभ राशि में मौजूद होने से मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। मकर राशि पर शनि का प्रभाव खत्म हो जाएगा लेकिन कुंभ और मीन पर जारी रहेगा।
1. मेष राशि: आपकी राशि मेष पर साढ़ेसाती की शुरुआत 29 मार्च 2025 से होगी और यह 31 मई 2032 तक रहेगी।
2. कुंभ राशि : आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण जारी है। 23 फरवरी 2028 तक कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा।
3. मीन राशि : मीन पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ होकर इसका पहला चरण 29 मार्च 2025 तक चलेगा और इस राशि पर 7 अप्रैल 2030 तक साढ़ेसाती रहेगी।
4. कर्क और वृश्चिक : 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में शनि के प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैया चल रही है।
सावधानी :-
साढ़ेसाती एक ऐसा समय रहता है जबकि जातक के कर्मों का हिसाब किताब शुरु होता है। ढैया ढाई साल की, साढ़ेसाती साढ़े सात साल की और दशा 19 साल की होती है। यदि कर्म अच्छे हैं तो यह समय अच्छा भी रहता है। परंतु जब व्यक्ति बुरे कर्म करता है तो शनिदेव का चक्र प्रारंभ हो जाता है। जैसे कि ब्याज का धंधा करना, पराई स्त्री पर नजर रखना, झूठ बोलना, शराब पीना, हत्या करना, चोरी करना, गरीबों को सताना, जानवरों को मारना, सांप को मारना और देवताओं का अपमान करना ये बुरे कर्म है।
उपाय :-
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प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए।
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गरीब, सफाईकर्मी, अंधे, विधवा और अपंग लोगों की सहायता करना चाहिए।
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प्रति शनिवार को शाम को छाया दान करना चाहिए।
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अपने कार्य और कर्म के प्रति ईमानदार और सतर्क रहना चाहिए।