Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शुरू हो गई है शनि की साढ़े साती, भूलकर भी नहीं करें 6 काम

हमें फॉलो करें शुरू हो गई है शनि की साढ़े साती, भूलकर भी नहीं करें 6 काम
शनि की साढ़े सात वर्ष तक चलने वाली ग्रह दशा को साढ़े साती कहते हैं। साढ़े साती जीवन का वह चरण है जो हर व्यक्ति की पूरी जिंदगी में कम से कम एक या अधिक बार जरुर आती है। शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि तक जाने में ढाई वर्ष का समय लेता है।

एक राशि से दूसरी राशि तक जाते हुए शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म राशि या नाम की राशि में स्थित होता है, वह राशि, उससे अगली राशि और बारहवीं स्थान वाली राशि पर साढ़े साती का प्रभाव होता है। तीन राशियों से होकर गुजरने में इसे पूरे सात वर्ष और छः महीने मतलब साढ़े सात वर्ष का समय लगता है इसलिए भारतीय ज्योतिष के अनुसार इसे शनि की साढ़े साती कहते हैं।
 
शनि को सूर्य का पुत्र और यमराज का भाई माना जाता है। ऐसा कहा जाता है की यदि यमलोक के अधिपति यमराज हैं, तो शनि वहां के दंडाधिकारी।
 
शनिदेव हमेशा हर इंसान को उसके कर्म के हिसाब से ही शुभ-अशुभ फल देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी इंसान के कर्म अच्छे हैं तो शनि की अच्छी दृष्टि उस इंसान पर जरुर पड़ती है जिससे उसके जीवन के सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं और शनिदेव उसे आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा देते हैं। 
 
साढ़े साती को तीन चरण में बांटा गया है। साढ़े साती का पहला चरण धनु, वृषभ, सिंह राशि वाले लोगों के लिए कष्टकारी रहता है। दूसरा या मध्य चरण सिंह, मकर, मेष, कर्क, वृश्चिक राशियों के लिए अच्छा नहीं समझा जाता है और तीसरा चरण मिथुन, कुंभ, तुला, वृश्चिक, मीन राशि के लिए कष्टकारी होता है।
शनि की साढ़े साती या शनि दोष के प्रभाव को कम करने के उपाय-
 
- तांबे के दीपक में तिल या सरसों का तेल भरकर ज्योति जलानी चाहिए। 
- शनि को ठीक करने के लिए सबसे पहले अपने आचरण में सुधार करना चाहिए। 
- प्रत्येक शनिवार को उड़द की दाल को भोजन में शामिल कीजिए और एक समय उपवास करें। 
- शनि का शुभ परिणाम पाने के लिए अपने माता-पिता को हमेशा सम्मान दें। 
- एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरें और दान कर दें। 
- शनि के मंत्र ॐ शं शनिश्चरायै नमः का जाप 3 माला रोज शाम को करें। 
- शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दिया पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा लगातार 40 शनिवार करें।
- साढ़े साती के दौरान ग्रह शनि को खुश करने के लिए प्रत्येक शनिवार को भगवान शनि की पूजा करना सबसे अच्छा उपाय है।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़नी चाहिए।
साढ़े साती की अवधि के दौरान इन कामों से बचना चाहिए-
 
- कोई भी जोखिम भरा काम नहीं करना चाहिए।
- साढ़े साती के दौरान किसी से भी बहस करने से बचना चाहिए।
- ड्राइविंग करते समय सतर्क रहना चाहिए।
- रात में अकेले यात्रा करने से बचना चाहिए।
- शनिवार और मंगलवार को शराब के सेवन से बचें।
- शनिवार और मंगलवार को काले रंग का सामान नहीं खरीदना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Saturday Vrat (Fast) : कैसे करें शनिवार व्रत? जानिए पूजा विधि, कथा-आरती एवं फल