महिला दिवस पर दुर्गा आराधना का विशेष संयोग, देगा संपत्ति
8 मार्च 2016 यानि मंगलवार महिला शक्ति का दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी है और मां दुर्गा की आराधना का विशेष, अद्भुत संयोग भी बन रहा है। यह दुर्लभ योग 8 वर्ष पूर्व 24 फरवरी 2009 में आया था और अब 16 वर्ष बाद आएगा। इस दुर्लभ संयोग का लाभ उठाकर आप मां दुर्गा का आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हैं और करोड़पति भी बन सकते हैं। जी हां, स्वयं शिव ने अपने मुख से इस दुर्लभ संयोग की महिमा का वर्णन किया है। जानिए क्या है यह दुर्लभ एवं अद्भुत संयोग -
श्री विश्वसार तंत्र ग्रन्थ में बताया गया है कि श्री दुर्गा अष्टोत्तरशतनाम के अंतर्गत जब भौमवती अमावस्या अर्थात मंगलवार के दिन आने वाली अमावस्या हो, और रात्रि में चंद्र शतभिषा नक्षत्र का योग हो तब धन-संपदा और दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए यह अद्भुत योग बनाता है।
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स्वयं भगवान शिव द्वारा इस योग के महत्व का वर्णन भगवती मां पार्वती के समक्ष किया गया है। गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित श्री दुर्गा सप्तशती में पृष्ठ 12 पर श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् के अंतर्गत भी इसका वर्णन किया गया है -
श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् -
भौमावास्यानिशामग्रे चन्द्रे शतभिषां गते।
विलिख्य प्रपठेत् स्तोत्रं स भवेत् सम्पदां पदम् ॥21॥
अर्थात - भौमवती अमावस्या की रात्रि में, जब चंद्रमा शतभिषा नक्षत्र में हों, उस समय इस स्तोत्र को लिखकर जो व्यक्ति इसका पाठ करता है, वह संपत्तिशाली होता है ॥21॥
इस स्त्रोत में 15 श्लोकों के माध्यम से मां दुर्गा के 108 मंगलकारी नामों का वर्णन किया गया है तथा अन्य 6 श्लोकों में इन नामों के महत्व को प्रकट किया गया है। अंतिम श्लोक में इस विशेष संयोग के अंतर्गत इस स्त्रोत के लेखन और पठन के विशेष महत्व को बताया गया है, जिसे करने से मनुष्य सुख-समृद्धिवान और संपत्तिवान होकर मां दुर्गा की विशेष कृपा को प्राप्त करता है।
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जानिए इस दुर्लभ योग में क्या करें -
इस विशेष योग का प्रारंभ मंगलवार 8 मार्च 2016 को प्रात: 10 बजकर 35 मिनिट से शुरू होगा और रात्रि 11 बजकर 36 मिनिट तक जारी रहेगा। भौमावास्यानिशामग्रे चन्द्रे शतभिषां गते अनुसार -
इस समय रात्रि में मां दुर्गा के 108 नाम वाले श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् को लिख कर पाठ करें। निश्चित ही मां दुर्गा के आशीर्वाद से आप धन, यश, सुख-समृद्धि को प्राप्त करेंगे। साथ ही इस विशेष योग में गोरोचन, लाक्षा, कुंकुम, सिंदूर, घी या दूध द्वारा यंत्र बनाकर धारण करने पर आप मोक्षगामी होते हैं और शिवतुल्य बन सकते हैं।
चूंकि इस बात को स्वयं आशुतोष भगवान शिव ने अपने मुख से भगवती पार्वती के सम्मुख प्रकट किया है, इसलिए बिना संशय के इस दुर्लभ सुयोग का लाभ उठाकर आप सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं।
कृपया इस बात का ध्यान रखें कि आप सूर्यास्त के बाद पूजन आदि करते हैं तो सूर्य ग्रहण का सूतक होने से बिना मूर्ति स्पर्श किए ही यह प्रक्रिया पूर्ण करें। अवश्य ही मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।