भगवान शिव को प्रिय श्रावण मास पूरे उत्साह से मनाया जा रहा है। शिव पूजन के लिए विशेष माने जाने वाले सोमवार इस बार पूरे माह में 4 आएंगे।
जबकि रविवार और शनिवार 5-5 होंगे। यह संयोग 19 वर्षों बाद बना है।
इसके साथ ही 11 अगस्त को हरियाली अमावस्या के दिन ही शनिश्चरी अमावस्या भी मनाई जाएगी।
द्विपुष्कर योग वार, तिथि व नक्षत्र तीनों के संयोग से बनने वाला विशिष्ट योग है, जिसमें किए गए काम की पुनरावृति नहीं होती है।
श्रावण का पहला सोमवार 30 जुलाई को हो चुका है और पहली प्रदोष 9 अगस्त को होगी। ये दोनों दिन शिव पूजा के लिए खास माने जाते हैं।
शिव पूजा-आराधना के लिए खास तिथियों में श्रावण सोमवार 30 जुलाई, 6 अगस्त, 13 अगस्त व 20 अगस्त को आएंगे।
जबकि प्रदोष पहला 9 अगस्त व दूसरा 23 अगस्त को है। पुष्य नक्षत्र का संयोग 10 अगस्त को रहेगा।
28 जुलाई से शुरू वाला सावन का महीना 26 अगस्त को रक्षा बंधन के साथ संपन्न होगा।