धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस चर और अचर संसार में पुत्रदा एकादशी के व्रत के समान दूसरा कोई व्रत नहीं है। जिन व्यक्तियों को संतान होने में बाधाएं आती हैं या जिन्हें पुत्र प्राप्ति की कामना हो उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को करना उत्तम माना जाता है। इस दिन संतान की कामना के लिए भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की भी पूजा की जाती है।
संतान की प्राप्ति तथा उसके दीघार्यु जीवन के लिए पुत्रदा एकादशी का खास महत्व होता है। यदि आप स्वस्थ और उपवास करने में सक्षम हैं तो निर्जला व्रत रखें अन्यथा फलाहारी व्रत रखकर विधिवत पूजा के बाद समय पर इसका पारण करें। शिव आराधना और अपनी मुरादें पूरी करने के लिए श्रावण सबसे उत्तम माह है। श्रावण की यह एकादशी पुत्र की प्राप्ति का वरदान देने वाली मानी गई है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी 2021 मुहूर्त-
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन पुत्रदा एकादशी व्रत किया जाएगा। इस दिन तिथि का प्रारंभ 18 अगस्त, बुधवार को तड़के 03.20 मिनट से होकर उसी दिन देर रात 01.05 मिनट पर इसका समापन होगा। अत: श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी का व्रत 18 अगस्त को रखा जाएगा।
पारण का समय-
18 अगस्त को श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण समय अगले दिन 19 अगस्त, द्वादशी को प्रात:काल में किया जाएगा। जो लोग श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी का व्रत रखेंगे, उनके लिए 19 अगस्त 2021, गुरुवार को प्रात: 06.32 मिनट से सुबह 08.29 मिनट के बीच पारण कर लेना उचित रहेगा। द्वादशी तिथि का समापन होने से पारण कर लेना चाहिए।