हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह,मुण्डन,सगाई,गृहारम्भ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारम्भ एवं व्रतउद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त्त के निर्धारण में गुरु एवं शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना बहुत आवश्यक है। गुरु व शुक्र के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त्त नहीं बनते। आगामी 30 मई 2020, दिन शनिवार को शुक्र का तारा रात्रि 10 बजकर 32 मि. पर पश्चिम दिशा में अस्त होगा जो दिनांक 8 जून 2020 दिन सोमवार को दोपहर 2 बजकर 08 मि. पर पूर्व दिशा में उदित होगा।
शुक्र तारे का अस्तोदय समय-
अस्त : दिनांक 30 मई 2020, दिन शनिवार, समय रात्रि 10:32 मि. को पश्चिम दिशा में शुक्र का तारा अस्त होगा।
उदय : दिनांक 8 जून 2020, दिन सोमवार, समय अपरान्ह 2:08 मि. को पूर्व दिशा में शुक्र का तारा उदित होगा।
वर्जना- उपर्युक्त वर्णित शुक्रास्त की अवधि में विवाह,मुण्डन,सगाई,गृहारम्भ, गृहप्रवेश आदि समस्त मांगलिक व शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र