Shukra vakri asta 2023: शुक्र तारे के अस्त होने से सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। चंद्रमा के आसपास जो तारा नजर आता है वह शुक्र तारा ही है। धरती पर से ऐसा लगता है कि यह चांद के चारों ओर घूमता रहता है। इस बार शुक्र ग्रह वक्री होकर अस्त होने वाला है। आओ जानते हैं कि यह कब वक्री होगा और कब अस्त होगा।
शुक्र वक्री :
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इस बार शुक्र ग्रह 7 अगस्त 2023 को कर्क राशि में वक्री हो जाएगा और 2 अक्टूबर तक यानी 57 दिनों तक वक्री अवस्था में ही रहेगा।
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ज्योतिष में शुक्र का वक्री होना एक ऐसी स्थिति है जो हर 18 महीने में होती है और यह छह सप्ताह तक चलता है।
शुक्र अस्त :
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इस बार 8 अगस्त 2023 को शुक्र का तारा अस्त हो जाएगा और फिर 18 अगस्त को पुन: उदय होगा।
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शुक्र सूर्य के दोनों ओर 10 डिग्री या इससे अधिक समीप आने पर अस्त माना जाता है। यानी वह आकाश में दिखाई नहीं देता है।
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यह ग्रह पूर्व में अस्त होने के बाद पश्चात पुन: उदित होता है।
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उदय के 240 दिन वक्री चलता है। इसके 23 दिन पश्चात अस्त हो जाता है।
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पश्चिम में अस्त होकर 9 दिन के पश्चात यह पुन: पूर्व दिशा में उदित होता है।
शुक्र अस्त होने से क्या होता है-
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किसी भी ग्रह के अस्त होने को ग्रह अस्त, ग्रह लोप, ग्रह मौद्य, ग्रह मौद्यामि के नाम से जाना जाता है।
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अधिकांश शुभ कार्य जैसे सगाई, विवाह समारोह, संपत्ति खरीदी आदि, शुक्र और गुरु ग्रह के अस्त काल में नहीं किए जाते हैं।
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यानी कोई भी मांगलिक कार्य तब तक नहीं होते हैं जब तक कि ये ग्रह उदय नहीं हो जाते हैं।
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शुक्र के अस्त दिनों में भी शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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इसका कारण यह कि उक्त वक्त पृथ्वी का पर्यावरण शुक्र प्रभा से दूषित माना गया है।