महत्व- धर्म-ज्योतिष के अनुसार सोमवती अमावस्या (Amavasya) बहुत ही खास दिन माना जाता है। इस दिन ज्योतिष के उपाय आजमाकर जीवन के कष्टों एवं आने वाले संकटों से मुक्ति पाई जा सकती है। अमावस्या पर धार्मिक कर्म किए जाते हैं। इस दिन निम्न उपाय करने से धन-दौलत तथा संतान की रक्षा होती है तथा पितृ देवता का आशीष प्राप्त होता है।
हर माह आने वाली अमावस्या के दिन व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान, पुण्य तथा जाप करने चाहिए। यदि किसी व्यक्ति का सामर्थ्य तीर्थस्थान पर जाने का नहीं है, तब उसे अपने घर में ही प्रात:काल दैनिक कर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि करना चाहिए। पुराणों के अनुसार इस दिन सभी नदियों का जल गंगा जल के समान हो जाता है। इस दिन स्नान करते हुए तथा मंत्र जाप करने तक मौन ही रहना चाहिए।
इस दिन पितरों का श्राद्ध एवं तर्पण करने की मान्यता है। इस बार अमावस्या सोमवार को आने से इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। यह अमावस्या दरिद्रता को दूर करने के लिए खास मानी गई है।
सोमवती अमावस्या का व्रत सुहागिनों का प्रमुख व्रत माना जाता हैं। सोमवार चंद्रमा का दिन हैं। इस दिन सूर्य तथा चंद्रमा एक सीध में स्थित होते हैं। इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य फल प्राप्ति वाला माना जाता हैं। पुराणों में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है और माना गया हैं कि जब भी अमावस्या दो दिन की होती है तो पहले दिन श्राद्धादि की अमावस्या और दूसरे दिन स्नान-दान की अमावस्या मनाई जाती है। अमावस्या पर हमारे शास्त्रों में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिनसे जीवन के समस्त कष्टों का निवारण किया जा सकता है।
इस बार सोमवती अमावस्या 20 फरवरी 2023 को दिन सोमवार को पड़ रही है। इस बार सोमवती अमावस्या इन योगों में आने के कारण खास मानी जा रही है। आइए जानते हैं मुहूर्त और उपाय-
सोमवती अमावस्या पूजन के शुभ मुहूर्त-
फाल्गुन कृष्ण अमावस्या का प्रारंभ- रविवार, 19 फरवरी को 04.18 पी एम से शुरू।
फाल्गुन अमावस्या का समापन- 20 फरवरी को, सोमवार को 12.35 पी एम पर।
अभिजित मुहूर्त- 12.12 पी एम से 12.58 पी एम
राहुकाल- 08.20 ए एम से 09.45 ए एम
धनिष्ठा नक्षत्र- 11.46 ए एम तक
परिघ योग- 11.03 ए एम तक
नाग करण- 12.35 पी एम तक
द्वितीय करण- किंस्तुघ्न- 10.47 पी एम तक
गुलिक काल- 02.00 पी एम से 03.25 पी एम
यमगण्ड- 11.10 ए एम से 12.35 पी एम
सोमवती अमावस्या के उपाय-
1. अमावस्या के दिन प्रात: स्नान के पश्चात सूर्यदेव को विधिपूर्वक जल अर्पित करने तथा सूर्य मंत्रों का जाप करने से धन-धान्य बढ़ोतरी होकर आर्थिक स्थिति मजबूत होती है
2. अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन का पूजन करके नदी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है तथा महामृत्युंजय मंत्र, शिव मंत्र और शिव पंचाक्षर स्तोत्र का जाप करने से कालसर्प दोष दूर होता है तथा आर्थिक समृद्धि मेंवृद्धि होती है।
3. अमावस्या के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार असहाय, गरीब या ब्राह्मण को दान देने से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते है। इस दिन पीपल का पूजन करना चाहिए, क्योंकि पीपल में सभी देवों का वास माना जाता है, अत: इस दिन पीपल वृक्ष के पूजन सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।
4. अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान या श्राद्ध कर्म करने से पितर खुश होते हैं और सुख-समृद्धि, धन-दौलत और वंश वृद्धि और अपने वंशज को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
5. अगर कुंडली में चंद्र दोष है तो अमावस्या के दिन चांदी, दही, चावल, खीर और सफेद वस्त्र का दान करना शुभ होता है। इस दिन गौ माता को दही और चावल खिलाने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होकर सुख और सौभाग्य में लाभ मिलता है।