भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से अक्षय पुण्य का फल प्राप्त होता है।
2 सितंबर 2022 दिन शुक्रवार को सूर्य षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा।
भगवान सूर्य को प्रिय वस्तुएं कनेर के लाल पुष्प, गुलाल, लाल वस्त्र, धूप, दीप, पुष्प, लाल फल चढ़ाएं।
इस दिन गंगा स्नान के बाद लाल चंदन व केसर से भगवान सूर्य की प्रतिमा बनाएं।
घी का दीपक जलाएं।
ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जप अवश्य करें।
भगवान सूर्यनारायण को एक तांबे के लोटे में जल भर के उसमें लाल कुमकुम लाल रंग के पुष्प डालकर अर्घ्य दें।
पूजन समाप्त होने के बाद शाम को चीनी, घी, फल, द्रव्य दक्षिणा वस्त्र ब्राह्मण को अवश्य दान में दे।
मंत्र-
1.ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
2. ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
3. ॐ घृणि सूर्याय नम:।।
4. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
5. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।।
6. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
7. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।।