Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सूर्य स्तोत्र : शुभ एवं कल्याणकारी Surya Stotra से करें सूर्यदेव को प्रसन्न

हमें फॉलो करें सूर्य स्तोत्र  : शुभ एवं कल्याणकारी  Surya Stotra से करें सूर्यदेव को प्रसन्न
भगवान सूर्य की स्तुति तो सभी करते हैं। लेकिन भगवान सूर्य का एक ऐसा कल्याणमय स्तोत्र, जो सब स्तुतियों का सारभूत है। जो भगवान भास्कर के पवित्र, शुभ एवं गोपनीय नाम हैं।
 
विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः।
लोक प्रकाशकः श्री मांल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः॥
लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा।
तपनस्तापनश्चैव शुचिः सप्ताश्ववाहनः॥
गभस्तिहस्तो ब्रह्मा च सर्वदेवनमस्कृतः।
एकविंशतिरित्येष स्तव इष्टः सदा रवेः॥
 
'विकर्तन, विवस्वान, मार्तण्ड, भास्कर, रवि, लोकप्रकाशक, श्रीमान, लोकचक्षु, महेश्वर, लोकसाक्षी, त्रिलोकेश, कर्ता, हर्त्ता, तमिस्राहा, तपन, तापन, शुचि, सप्ताश्ववाहन, गभस्तिहस्त, ब्रह्मा और सर्वदेव नमस्कृत- इस प्रकार इक्कीस नामों का यह स्तोत्र भगवान सूर्य को सदा प्रिय है।' (ब्रह्म पुराण : 31.31-33)
 
यह शरीर को निरोग बनाने वाला, धन की वृद्धि करने वाला और यश फैलाने वाला स्तोत्रराज है। इसकी तीनों लोकों में प्रसिद्धि है। जो सूर्य के उदय और अस्तकाल में दोनों संध्याओं के समय इस स्तोत्र के द्वारा भगवान सूर्य की स्तुति करता है, वह सब पापों से मुक्त हो जाता है।
 
भगवान सूर्य के सान्निध्य में एक बार भी इसका जप करने से मानसिक, वाचिक, शारीरिक तथा कर्मजनित सब पाप नष्ट हो जाते हैं। अतः यत्नपूर्वक संपूर्ण अभिलक्षित फलों को देने वाले भगवान सूर्य का इस स्तोत्र के द्वारा स्तवन करना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सूर्य मिथुन संक्रांति : क्या होगा जब सूर्य करेंगे मिथुन राशि में प्रवेश