- पंडित सुरेंद्र बिल्लौरे
गुरु है बड़ गोविन्द तें मन में देखुं विचार।
हरि सुमिरें सो वार है गुरु सुमिरै सो पार।।
Teachers Day 2023 : 5 सितंबर को शिक्षक दिवस है। और गुरु/शिक्षक ही गोविंद का मिलाप कराते हैं। गुरु, गोविंद से बढ़कर हैं। मन में जो हरि व गुरु को भजता है, उसके जीवन की नैया पार हो जाती है। नवभक्ति में भी पंचम भक्ति ही सतगुरु/ शिक्षक से वेदों का अध्ययन व ज्ञानरूपी प्रकाश को धारण करना है।
'मंत्र जाप मम दृढ़ विस्वासा।
पंचम भजन सो वेद प्रकासा।।'
- भक्ति का पांचवां अंग यही है कि भक्त सतगुरु पर दृढ़ विश्वास करके उनके दिए हुए मंत्र का जाप करें और उनकी बताई युक्ति के अनुसार भजन का अभ्यास करें। वेदों और ग्रंथों में इसी बात पर जोर दिया गया है।
'प्रीत प्रतीत गुरु की करना!
नाम रस्याण घर में जरना'
- अर्थात् परमार्थ में उन्नति के लिए सतगुरु के प्रति प्रेम भरोसे तथा नाम की कमाई जरूरी है।
श्रम भाषा में कहें तो शिष्य को ज्ञान प्राप्ति के लिए सतगुरु की शरण में जाना ही सबकुछ नहीं, बल्कि अपने गुरु/शिक्षक के प्रति प्रेम, सत्कार व उनके ऊपर पूर्ण विश्वास ही आपकी गुरु भक्ति और ज्ञान मार्ग की प्रथम सफलता है।
'गुरुमुखि कोटि उधारदा भाई दे नावै एक कणी।।'
सतगुरु अपने कमाए हुए नाम के धन का एक अंश गुरु/शिक्षक मंत्र के रूप में शिष्य को देता है, वह मंत्र दिखने में बहुत छोटा होता है और यह मंत्र कुछ अक्षरों या शब्दों से बना होता है, परंतु इसमें असीम शक्ति भरी होती है।
जैसे लोहे का बना मामूली-सा अंकुश इतने बड़े और बलवान हाथी को वश में कर लेता है, उसी तरह गुरु मंत्र में केवल देवताओं को ही नहीं, बल्कि स्वयं प्रभु को वश में कर लेने की शक्ति होती है। 'मंत्र' का वास्तविक अर्थ है मन को स्थिर करने वाला अर्थात् जो मन की गति को रोक सके।
इतनी बड़ी शक्ति प्रदान करने वाले सतगुरु को हम क्या दें, ये भावना प्रत्येक शिष्य में होती है। सत्यता तो ये है कि आप गुरु (शिक्षक) दीक्षा में जो भी भेंट करो, वो आपके लिए गुरु के प्रति स्नेह, श्रद्धा व आत्मविश्वास का प्रतीक ही है। इससे बड़ी भेंट आप नहीं दे सकते।
आपका सामर्थ्य नहीं है कि आप गुरु को कुछ दे पाएं, क्योंकि उन्होंने हमको हरि से मिलवा दिया और अब हम क्या दे सकते हैं? फिर भी हम उनका आशीर्वाद लेने के लिए अपनी राशि अनुसार कुछ भेंट अवश्य करें।
पढ़ें 12 राशि के उपहार :
मेष-वृश्चिक राशि: लाल वस्त्र दान करें।
वृषभ-तुला राशि: सफेद वस्त्र दान करें।
मिथुन-कन्या राशि: हरा वस्त्र दान करें।
कर्क राशि: चांदी दान करें।
सिंह राशि: तांबा दान करें।
धनु-मीन राशि: सोने का दान करें।
मकर-कुंभ राशि: पंचधातु या पंचरत्न का दान करें।
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