Third World War 2025: यूक्रेन और रशिया का युद्ध चल रहा है और इसी बीच आतंकवादी संगठन हमास ने इजरायल पर बर्बर हमला करके एक नए युद्ध की शुरुआत कर दी है जो निश्चित रूप से भयानक मोड़ लेकर विश्व युद्ध का रूप ले सकता है। नास्त्रेदमस और स्वामी अच्युतानंद ने भी तीसरे विश्व युद्ध की भविष्यवाणी की है। अधिकतर विद्वानों के अनुसार यह युद्ध तब हो सकता है तब शनि का मीन राशि में गोचर होगा।
'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (नास्त्रेदमस सेंचुरी- v-70)
शनि ग्रह का गोचर 2019 से 2025 तक:-
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युद्ध के लिए शनि और मंगल के साथ ही राहु के गोचर को जिम्मेदार माना जाता है।
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इनकी युति या आपसी दृष्टि, वक्री चाल आदि से धरती पर नकारात्मक असर देखने को मिलता है।
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शनि ग्रह जब मकर में आए तो देश और दुनिया में तनाव के साथ ही महामारी का प्रकोप बढ़ा था।
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शनि ग्रह जब कुंभ में आए तो देश और दुनिया में दो देशों के बीच युद्ध के साथ ही भूकंप, प्राकृतिक आपदा और जलवायु परिवर्तन देखने को मिला।
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अब आशंक जताई जा रही है कि शनि ग्रह जब मीन राशि में प्रवेश करेगा तब दुनिया में विश्व युद्ध की शुरुआत होगी।
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28-29 अप्रैल 2022 के दरमियान शनि ग्रह अपनी खुद की राशि मकर से निकलकर खुद ही की राशि कुंभ राशि में प्रवेश किया था।
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29 अप्रैल 2022 को शनि ने मकर से निकलकर कुंभ राशि में जब प्रवेश किया तो उसी के आसपास यूक्रेन और रशिया का वार शुरु हो गया।
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इसके कुंभ गोचर के काल में ही भूकंप और बड़े तूफान के साथ ही अब इजरायल और हमास का युद्ध भी शुरु हो चला है।
कोरोना महामारी : बाबा वेंगा, नास्त्रेदमस, अच्युतानंददास सहित कई भविष्य वक्ताओं के अनुसार शनि के मीन राशि में जाने से महाविनाश होगा। शनि ने जब 24 जनवरी 2020 में मकर राशि में प्रवेश किया था, तब दुनिया में करोना महामारी का प्रकोप फैल गया था। फिर शनि ने जब 29 अप्रैल 2022 को कुंभ में प्रवेश किया तब महामारी का दौर खत्म हुआ और दुनियाभर में युद्ध, अराजकता, महंगाई, प्रदर्शन और सत्ता परिवर्तन का नया दौर प्रारंभ हुआ।
शनि का मीन राशि में गोचर जब होगा:-
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कहते हैं कि 29 मार्च 2025 में शनि मीन राशि में परिवर्तन करेंगे तब तक दुनिया में बहुत बड़े बदलाव हो चुके होंगे और फिर होगा भयंकर युद्ध।
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शनि ग्रह मीन राशि में साल 2027 तक विराजमान रहेंगे।
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29 मार्च 2025 तक शनि रहेंगे। इस दौरान तीसरे विश्वयुद्ध से महाविनाश का पहला चरण प्रारंभ होगा।
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उसके बाद 29 मार्च 2025 से 23 फरवरी 2028 तक शनि मार्गी और वक्री होकर मीन राशि में रहेंगे। तब जनता त्राहि-त्राहि करने लगेगी।
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फिर 23 फरवरी 2028 से 17 अप्रैल 2030 तक शनि मेष राशि में रहेंगे।
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इसी दौरान महाविनाश का दौर खत्म हो जाएगा और एक नए युग का प्रारंभ होगा।
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी :
-फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने अपनी पुस्तक संचुरी में लिखा है कि....
-'धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।' (vi-10)
- '27 अक्टूबर 2025 को मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे। -(3/77 सेंचुरी)।
- नास्त्रेदमस के अनुसार तीसरे महायुद्ध की स्थिति सन् 2012 से 2025 के मध्य उत्पन्न हो सकती है।
अच्युतानंद की भविष्यवाणी :-
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भारत के महान भविष्यवक्ता संत अच्युतानंद दास ने अपनी भविष्य मालिका नामक पुस्तक में भारत के संबंध में कई भविष्यवाणी की है।
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उन्होंने लिखा है कि शनि जब मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब भारत पर संकट के बादल छाएंगे।
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साल 2024 में शनि कुंभ से निकलकर बृहस्पति की मीन राशि में जाने वाले हैं।
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शनि के प्रभाव से अकाल, युद्ध, विस्फोट, भूचाल, महामारी के साथ ही भारत पर कई देशों के द्वारा हमला किया जाएगा।
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भविष्य मालिका के अनुसार 2025 के बाद का समय एक विभिषिका के समान होगा।
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वहीं लोग बचेंगे तो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलेंगे।