इस वर्ष 16 सितंबर को तेजा दशमी पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व दिन गुरुवार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाएगा। यह तिथि तेजा दशमी के नाम से प्रचलित है।
इस दिन लोकदेवता तेजा जी महाराज के मंदिरों में मेला लगता है और लाखों भक्त उनके दर्शन करने जाते हैं। इस दिन वीर तेजा जी महाराज को रंग-बिरंगी छतरियां भी चढ़ाई जाती हैं। इसी दिन दशावतार व्रत भी मनाया जाएगा।
1. भाद्रपद शुक्ल दशमी के दिन पूरे मनोभाव से जो भक्त लोकदेवता तेजा जी महाराज की पूजा करते हैं, उन्हें सर्प दंश का भय नहीं रहता है।
2. तेजा दशमी के दिन वीर तेजा जी महाराज को रंग-बिरंगी छत्री अवश्य चढ़ाएं।
3. इस दिन गौ माता का पूजन अवश्य करें, उन्हें हरा चारा खिलाएं। मान्यतानुसार जब तेजा जी जंगल में डाकू को खोजने गए तब रास्ते में एक सर्प उनके घोड़े के सामने आकर डंसने लगता है। तब तेजा जी उनसे प्रार्थना करके वचन देते हैं कि अपनी बहन की गायों को छुड़ाने के बाद वे आपस आएंगे तब वो उन्हें डस लें।
4. यदि कोई व्यक्ति सर्पदंश से पीड़ित है और अगर वह तेजा जी मंदिर जाकर उनके नाम का तांती (धागा) बांधता है तो उस पर जहर का असर नहीं होता है, ऐसी मान्यता है। इससे सर्पदंश सहित अन्य जहरीले कीड़ों से भी रक्षा होती है।
5. इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु पर केसर मिला जल चढ़ाने से जीवन में आनेवाली सभी अकस्मात बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
6. इस दिन तेजा जी महाराज के स्थानों पर लोग मन्नत पूरी होने पर पवित्र निशान चढ़ाया जाता हैं।
7. भाद्रपद शुक्ल दशमी के दिन श्री विष्णु जी के 10 अवतारों की पूजा करने के बाद उन्हें सौंफ का प्रसाद चढ़ाने और श्रीहरि पर चढ़ाई गई सौंफ के 10 दाने कपूर के साथ जलाना लाभदायी माना गया है।
8. इस दिन ज्यादा से ज्यादा विष्णु जी का शक्तिशाली महामंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है।
9. इस दिन श्रीहरि नारायण पर चढ़ी लाल गुंजा बीज (चिरमी) तिजोरी में रखने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
10. तेजा दशमी के दिन लोकदेवता तेजा जी महाराज को प्रसाद में चूरमा चढ़ाने की मान्यता है।
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