Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Pradosh Vrat : प्रदोष व्रत करने से क्या होता है? जानिए प्रदोष के 10 दान और 3 उपाय

Advertiesment
हमें फॉलो करें budh pradosh ke upay
आज वैशाख मास का प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। यह वैशाख का दूसरा प्रदोष व्रत जो शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन यानी बुधवार, 3 मई को पड़ा है। बुध प्रदोष व्रत में भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। मान्यतानुसार यह व्रत सभी प्रकार के मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है। साथ ही बुधवार के दिन श्री गणेश के पूजन का विशेष महत्व माना गया है। अत: आज श्री गणेश का पूजन करना भी लाभदायी होगा। 
 
इस बार वैशाख शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 2 मई 2023, मंगलवार को रात्रि 11.17 मिनट से शुरू हो चुकी है तथा 3 मई, दिन बुधवार को रात्रि 11.49 मिनट पर प्रदोष तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के अनुसार यह व्रत बुधवार को रखा जा रहा है। आइए जानते हैं इस व्रत के बारे में- 
 
प्रदोष व्रत करने से क्या होगा : प्रत्येक माह में दो प्रदोष होते हैं। त्रयोदशी तिथि को ही प्रदोष कहते हैं। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा भी अलग-अलग होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार बुधवार को आने वाले प्रदोष व्रत करने से ज्ञान एवं शिक्षा की प्राप्ति होती है। साथ ही जिस भी तरह की मनोकामना से यह व्रत किया जाता है, वह कामना अवश्‍य ही पूर्ण होती है। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत को शिव जी से जुड़ा हुआ बताया गया है। अत: यह व्रत चंद्र दोष दूर करता है तथा सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कार्य में सफलता मिलती हैं।  
 
हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार वैशाख महीने का बहुत अधिक धार्मिक महत्व माना गया है। वैसे तो प्रदोष व्रत प्रतिमाह कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन सायंकाल प्रदोष समय में सच्चे मन से भगवान शिव जी की पूजा करने से समस्त कष्टों से मुक्ति तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मान्यतानुसार एक प्रदोष व्रत करने का फल दो गायों का दान करने के बराबर मिलता है। यह व्रत मनुष्य को संतोषी एवं सुखी बनाता है। वार के अनुसार जो प्रदोष व्रत किया जाता है, वैसे ही उसका फल भी प्राप्त होता है। त्रयोदशी के दिन गाय का कच्चा दूध और शुद्ध जल भगवान शिव जी को अर्पित करने से वे शीघ्र ही प्रसन्न होते है तथा चंद्र ग्रह शांत होकर मन में शांति का अनुभव होता है। 
 
प्रदोष व्रत के 10 दान : 
 
1. अन्न, 
2. वस्त्र, 
3. मूंग की छिल्‍के वाली दाल
4. छाता, 
5. मछलियों को आटे की गोलियां
6. हरी सब्जी, 
7. गाय का दूध, 
8. चावल,
9. सुहाग सामग्री,
10. काले तिल आदि का दान करना उचित रहता है। 
 
3 उपाय : 
 
1. प्रदोष व्रत के दिन शिव-पार्वती का संयुक्त रूप में पूजन किसी भी मंदिर में अपने सामर्थ्यनुसार दान करें तथा मंत्र- 'ॐ गौरीशंकराय नमः' का जाप करें। इस उपाय से जहां पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, तथा जीवन की सभी परेशानियां दूर होकर सुख-समृद्धि और खुशियां घर में आती है। 
 
2. आज दिन कच्चे दूध में काले तिल डालकर मंत्र- 'ॐ शिवाय नम:' जाप करते हुए भगवान शिव जी का अभिषेक करें और काले तिल का दान करें। इससे पितृ दोष से मुक्ति होकर पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है उनके चारों दिशाओं में आपकी यश, कीर्ति बढ़ती है और धन के आगमन के रास्ते खुलते हैं। 
 
3. प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले दोनों समय भगवान भोलेनाथ का विधिपूर्वक पूजन करें। इस तरह पूजन करने से जाने-अनजाने में हुए पापों का प्रायश्चित हो जाता है तथा गरीब/असहाय लोगों को भोजन का दान करें। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Tulsi: वैशाख मास में तुलसी जल दान का क्या है महत्व? तुलसी को जल क्यों चढ़ाना चाहिए ?