शुभ यात्रा, हैप्पी जर्नी.. आपकी यात्रा मंगलमयी हो..यह सुंदर वाक्य बोले ही इसलिए जाते हैं कि यात्रा में कई तरह के विघ्न आते हैं लेकिन यात्री उनसे बचा रहे। हमारे बड़े-बुजुर्ग सलाह देते हैं कि घर से निकलने से पहले कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखा जाना चाहिए। प्रस्तुत है उनकी सलाह पर कुछ खास और सरल बातें-
* घर से निकलने से पहले घर में स्थित देवता को 11 अगरबत्ती और शुद्ध घी का दीपक लगाएं। कूंकु, हल्दी, अबीर, गुलाल, चावल और फूल थाली में रखकर आरती करें। भगवान से यात्रा के सकुशल रहने की कामना कीजिए। तत्पश्चात काले तिल अपने ऊपर से स्वयं ही 7 बार उतार कर उत्तर दिशा में फेंक दें।
* घर से निकलने से पहले स्वर का ध्यान रखें। जो स्वर चल रहा हो सबसे पहले उसी पैर को बाहर निकालें।
* घर से निकलने से पहले शुभ चौघडि़या जरूर देखें।
* निकलते समय कुछ शब्दों का उच्चारण वर्जित है- जैसे जूता, चप्पल, लकड़ी, किसी भी प्रकार की गाली, ताला, रावण, पत्थर, नहीं, मरना, डूबना, फेंकना, छोड़कर आना, और कोई भी नकारात्मक शब्द।
* मजाक में भी नदी, आग और हवा के बारे अपमानजनक शब्द का प्रयोग ना करें। कहते हैं ईश्वर की इन तीन पवित्र देन से कभी मजाक नहीं करना चाहिए।
* निकलते समय शुभ शब्द, पवित्र मंत्र और मंगलवचनों का प्रयोग करें। प्रसन्न मन से यात्रा के लिए निकलें। कलह और आंसू से यथासंभव बचें।
* घर में यात्रा से पहले चावल की छोटी ढेरी पर कलश रखें और सवा रुपया रखकर अगरबत्ती से आरती कर यात्रा के निर्विघ्न होने की प्रार्थना करें। वापस आकर वह रुपया, चावल और पानी शिव मंदिर में चढ़ाएं।
* घर से निकलने से पहले चिटिंयों को आटा डालें, पंछियों को दाना डालें, काले कुत्ते को रोटी, और गाय को भीगा अनाज खिलाएं।
* घर के सबसे करीब जो मंदिर हो उसमें नारियल चढ़ाएं। कुछ पैसे दान पेटी के बजाय मंदिर में ही कहीं छुपाकर रखें। यह गुप्त दान माना जाता है, यात्रा के लिए शुभ फलदायी सरल टोटका है।
* यात्रा से पहले एक मध्यम आकार के डिब्बे में दाल, चावल, आटा, शकर, फल, फूल और मिठाई रखें। यात्रा से आने के बाद उसे किसी योग्य पंडित को दान में दे दें।