Pitru Shradh Paksha 2023: इन दिनों पितृ पक्ष जारी है और त्रयोदशी श्राद्ध का दिन है। इस दिन परिवार के स्वर्गवासी बच्चों का श्राद्ध किया जाता है। आइए यहां जानते हैं त्रयोदशी श्राद्ध की खास बातें, क्यों और किसके लिए किया जाता है यह श्राद्ध, जानें शुभ मुहूर्त...
त्रयोदशी श्राद्ध 2023 के पूजन मुहूर्त
त्रयोदशी श्राद्ध बुधवार, 11 अक्टूबर 2023 को
त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- 11 अक्टूबर 2023 को 09.07 ए एम से,
त्रयोदशी तिथि की समाप्ति- 12 अक्टूबर 2023 को 11.23 ए एम तक।
कुतुप मुहूर्त- 10.51 ए एम से 11.40 ए एम
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
रौहिण मुहूर्त- 11.40 ए एम से 12.29 पी एम
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
अपराह्न काल- 12.29 पी एम से 02.57 पी एम
अवधि- 02 घंटे 27 मिनट्स
आज का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- 03.34 ए एम से 04.21 ए एम
प्रातः सन्ध्या 03.57 ए एम से 05.08 ए एम
आज अभिजित मुहूर्त नहीं है।
विजय मुहूर्त- 01.19 पी एम से 02.08 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05.24 पी एम से 05.47 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 05.24 पी एम से 06.34 पी एम
आज अमृत काल 07.56 पी एम से 09.44 पी एम
निशिता मुहूर्त- 10.52 पी एम से 11.39 पी एम
1. जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार कृष्ण या शुक्ल इन दोनों पक्षों त्रयोदशी तिथि हो हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है।
2. इस दिन मृत बच्चों का श्राद्ध किया जाता है। जिन बालकों की आयु दो वर्ष या उससे अधिक होती इस दिन उनका श्रा़द्ध किया जाता है।
3. यह भी कहा जाता है कि यदि बालक और कन्या की उम्र 2 वर्ष से 6 वर्ष के बीच है तो इनका श्रा़द्ध तो नहीं होता परंतु मलिन षोडशी क्रिया जाती है। मलिन षोडशी क्रिया मृत्यु से लेकर अंतिम संस्कार तक के समय में की जाती है।
4. श्राद्ध में तर्पण, पिंडदान, पंचबलि कर्म और ब्राह्मण भोज का कार्य किया जाता है।
5. दस वर्ष से अधिक उम्र की कन्याओं श्राद्ध पूर्ण विधि-विधान से करना चाहिए।
6. किशोर हो चुके अविवाहितों का श्रा़द्ध पंचमी के दिन भी किया जा सकता है। इसीलिए इसे कुंवारा पंचमी भी कहते हैं।
7. यदि बालकों और कन्याओं की 6 छह वर्ष से अधिक है तो मृत्युपरांत उनकी श्रा़द्ध की संपूर्ण क्रिया विधि-विधान के साथ की जाती हैं।
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