सूर्य का तुला राशि में प्रवेश तुला संक्रांति कहलाता है। सौर मास के दो हिस्से है उत्तरायण और दक्षिणायम। सूर्य के मकर राशी में जाने से उत्तरायण प्रारंभ होता है और कर्क में जाने पर दक्षिणायन प्रारंभ होता है। इस बीच तुला संक्रांति होती है। सूर्य कन्या से निकलकर 17 अक्टूबर 2021 को तुला राशि में प्रवेश करेगा। आओ जानते है कि क्या करें इस दिन कि मिले लाभ।
तुला संक्रांति का कर्नाटक और उड़ीसा में खास महत्व है। इसे तुला संक्रमण कहा जाता है। इस दिन तीर्थोद्भव या 'तीर्थधव' के नाम से कावेरी के तट पर मेला लगता है, जहां स्नान और दान-पुण्य किया जाता है। इस तुला माह में गणेश चतुर्थी की भी शुरुआत होती है। कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है।
1. स्नान : तुला संक्रांति के दिन पवित्र जलाशयों या नदियों में स्नान करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है। सूर्य के तुला राशि में रहने वाले पूरे 1 महीने तक पवित्र जलाशयों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।
2. सूर्य पूजा : इस दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देकर उनकी विधिवत पूजा करने और माता लक्ष्मी की पूजाकर जरूरतमंदों को लाल रंग की वस्तुएं दान करने से धन समृद्धि का आगमन होता है।
3. महालक्ष्मी पूजा : तुला संक्रांति पर धान की फसल पक जाती है। इस दिन धान के किसान माता लक्ष्मी की पूजा करके उन्हें चावल अर्पित करते हैं। इससे पूरे वर्ष अनाज और धन की तंगी नहीं रहती है।
4. चंदन की माला : तुला राशि में सूर्य नीच के होकर समस्याएं खड़ी कर देता है इसीलिए इस दौरान सभी राशि के जातक लाल चंदन की माला गले में धारण करें।
5. माणिक : सूर्य की महादशा चल रही हो तो सोने में माणिक या गारनेट पहनें।