दिवाली, दीपावली के 5 दिन धन के संकट दूर करने के लिए सबसे शुभ माने गए हैं। शास्त्रानुसार व्यक्ति यदि अपने मूल कर्ज से निवृत्ति का उपाय नहीं करता है, तो उसे इस जीवन में अर्थ, उपकार, दया के रूप में किसी भी तरह का उधार लेना ही पड़ता है। इस उधार को उतारने के पश्चात ही मनुष्य लक्ष्मी को प्राप्त कर सकता है। आइए जानें 5 दिवसीय पर्व के उपाय...
* धन तेरस के दिन 13 दीपक जलाएं और हर दीपक में एक कौड़ी डाल दें। दीपक पूर्ण हो जाए तब ये 13 कौड़ी लेकर साफ करें और तिजोरी में रख दें।
* नरक चतुर्दशी (रूप चतुर्दशी) के दिन पवित्रता से पांच प्रकार के पुष्पों की माला में दूर्वा व बिल्वपत्र लगाकर देवी को अर्पित करें। माल्यार्पण करते समय मौन रखें यह प्रयोग प्रभावकारी होकर यश की वृद्धि करता है।
* दीपावली की रात्रि में ग्यारह बजे के बाद एकाग्रता से बैठकर के नेत्र बंद करके ऐसा ध्यान करें कि सामने महालक्ष्मी कमलासन पर विराजमान हो और आप उनके ऊपर कमल पुष्प चढ़ा रहे हैं। ऐसे कुल 108 मानसिक कमल पुष्प अर्पित करें। ऐसा करने से लक्ष्मी की कृपा होती है।
* साथ ही विष्णु सहस्रनाम या गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें तो अति उत्तम है।
* अन्नकूट के दिन भोजन बनाकर देवता के निमित्त मंदिर में, पित्तरों के निमित्त गाय को; क्षेत्रपाल के निमित्त कुत्ते को; ऋषियों के निमित्त ब्राह्मण को; कुल देव के निमित्त पक्षी को; भूतादि के निमित्त भिखारी को दें। साथ में वृक्ष को जल अर्पित करें; सूर्य को अर्घ्य दें; अग्नि में घी अर्पित करें; चींटियों को आटा तथा मछली को आटे की गोली देने से घर में बरकत आती है।
* भाईदूज के दिन प्रातः शुद्ध पवित्र होकर रेशमी धागा गुरु व ईष्ट देव का स्मरण करके धूप दीप के बाद उनके दाहिने हाथ में यह डोरा बांधें। डोरा बांधते समय ईश्वर का स्मरण करते रहें। यह प्रयोग वर्षपर्यंत सुरक्षा देता है।
धन की तंगी को दूर करने के लिए 5 दिन तक इन उपायों को आजमाएं और तेजी से अपने दिन बदलते हुए देखें।