* बैकुंठ चतुर्दशी : इस मुहूर्त में करेंगे पूजन तो मिलेगा विशेष फल
बैकुंठ चतुर्दशी को भगवान शिव तथा विष्णु पूजन और पितृ तर्पण का दिन माना गया है। बैकुंठ चतुर्दशी का यह पर्व कार्तिक शुक्ल चौदस गुरुवार, 02 नवंबर 2017 से मनाया जा रहा है। इस दिन शुभ महूर्त में किया गया पूजन बैकुंठ लोक की प्राप्ति कराने में सहायक है। इस दिन पूर्वमुखी बैठकर भगवान श्रीहरि विष्णु व शिवशंकर का पूजन करने का महत्व है।
चतुर्दशी के दिन पूजन में विशेष तौर पर जल, कमल के पुष्प, केसर, इत्र, दूध, शक्कर तथा दही से पूजन अभिषेक करके गाय के घी में केसर मिलाकर दीप प्रज्ज्वलित करना चाहिए तथा चंदन की अगरबत्ती से पूजन करना चाहिए। इसके साथ ही भगवान को मखाने की खीर का भोग लगाना चाहिए। फिर विष्णु तथा मंत्रों की 1 माला का जाप करने के पश्चात यह खीर गाय को खिलाना चाहिए।
बैकुंठ चतुर्दशी के दिन निशिथ काल में पूजन करना बहुत लाभदायी रहता है। इस दिन पूजन मुहूर्त का समय निम्न है।
चतुर्दशी के दिन पूजन का समय- रात्रि 11 बजकर 38 मिनट से रात्रि 12.31 मिनट तक का समय अतिशुभ है। इसके साथ ही 'ॐ ह्रीं ॐ हरिणाक्षाय नमः शिवाय' इस मंत्र की माला करना अतिलाभदायी रहेगा।
इस दिन विष्णु नाम के साथ-साथ सप्त ऋषियों के नामों का स्मरण करना चाहिए। इस तरह से पूजन करने से मनुष्य के जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति होकर उन्हें सुख-समृद्धि, आरोग्य तथा अंत में सभी सुखों को भोगकर बैंकुंठ की प्राप्ति होती है।
चतुर्दशी तिथि का समय 2 नवंबर 2017 को 4.11 बजे से 3 नवंबर 2017 को 1.46 बजे तक रहेगा।