Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत : हर मनोकामना होगी पूरी, यह पूजा है जरूरी

हमें फॉलो करें वट सावित्री पूर्णिमा व्रत : हर मनोकामना होगी पूरी, यह पूजा है जरूरी
27 जून 2018 को वट सावित्री पूर्णिमा है। स्कन्द एवं भविष्य पुराण के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को किया जाता है, लेकिन निर्णयामृतादि के अनुसार यह व्रत ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को करने का विधान है। जो महिला इस व्रत को करती है उसका सुहाग अमर हो जाता है। जिस तरह से सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज के मुख से बचा लिया था। उसी प्रकार से इस व्रत को करने वाली महिला के पति पर आने वाला हर संकट दूर हो जाता है। वट सावित्री व्रत में महिलाएं 108 बार बरगद की परिक्रमा कर पूजा करती हैं। सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से वापस ले लिया था। 
 
वट सावित्री पूर्णिमा पूजन विधि
 
वट सावित्री पूर्णिमा के दिन सर्वप्रथम विवाहित यानि सुहागन महिलाएं सुबह उठकर अपने नित्य क्रम से निवृत हो स्नान करके शुद्ध हो जाएं। 
 
फिर नए वस्त्र पहनकर सोलह श्रृंगार कर लें। 
 
इसके बाद पूजन के सभी सामग्री को डलिया या थाली में सजा लें। 
 
वट वृक्ष के नीचे जाकर वहां पर सफाई कर सभी सामग्री रख लें। 
 
सबसे पहले सत्यवान एवं सावित्री की मूर्ति स्थापित करें। अब धूप, दीप, रोली, सिंदूर से पूजन करें। 
 
लाल कपड़ा सत्यवान-सावित्री को अर्पित करें तथा फल समर्पित करें। 
 
फिर बांस के पंखे से सत्यवान-सावित्री को हवा करें। 
 
बरगद के पत्ते को अपने बालों में लगायें। अब धागे को बरगद के पेड़ में बांधकर यथा शक्ति 5,11,21,51, या 108 बार परिक्रमा करें इसके बाद सावित्री-सत्यवान की कथा पंडित जी से सुनें तथा उन्हें यथासंभव दक्षिणा दें या कथा स्वयं पढ़ें आप इसे यहां वेबदुनिया पर सुन भी सकते हैं। 
 
 इसके बाद घर में आकर उसी पंखे से अपने पति को हवा करें तथा उनका आशीर्वाद लें। उसके बाद शाम के वक्त एक बार मीठा भोजन करें।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

27 जून को वट सावित्री पूर्णिमा व्रत, पढ़ें कथा, साथ में वीडियो भी...