Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

15 मई को वट सावित्री अमावस्या, ये हैं शुभ मुहूर्त

हमें फॉलो करें 15 मई को वट सावित्री अमावस्या, ये हैं शुभ मुहूर्त
* वट सावित्री अमावस्या के दिन होगा वटवक्ष का पूजन 
 
वट सावित्रि व्रत जेष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से बरगद और पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है। रोहिणी नक्षत्र होने से पर्व का महत्व बढ़ जाता है। भारत के कई स्थानों पर वट सावित्री व्रत को पहले त्रयोदशी से लेकर अमावस्या तक तीन दिन मनाया जाता था। बदलते दौर में अब कई स्थानों पर धीरे-धीरे इस व्रत को महिलाएं मात्र एक दिन के लिए ही रखती हैं। 
 
इस वर्ष वट सावित्री व्रत 15 मई 2018, मंगलवार को किया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत के पीछे सावित्री और सत्यवान की कथा है। पौराणिक मान्यता है कि इस वृक्ष में काफी शाखाएं लटकी हुई होती है जिन्हें सावित्री देवी का रूप माना जाता है। इस दिन शनि जयंती और मंगलवार होने के कारण व्रत का महत्व और भी बढ़ जाएगा। इस दिन शनि के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा-अर्चना की जाएगी। 
 
वट सावित्री व्रत को सावित्री ने अपने पति को पुनः जीवित करने के लिए किया था। उन्हीं की स्मृति में महिलाएं इस व्रत को मनाती हैं। वट वृक्ष को देव वृक्ष माना जाता है इसलिए वट वृक्ष का पूजा करने से दीर्घायु, अखंड सौभाग्य और अक्षय उन्नति की प्राप्ति होती है।
 
इस दिन बांस की टोकरी में सप्त धान्य गेहूं, जौ, तिल, कांगनी, श्यामक, देव धन्य अर्पित करने का विधान है। ब्रह्मा, सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा सप्त धान्य से भरी दो टोकरियों में स्थापित कर वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा करना चाहिए। वट वृक्ष में रोली, काजल, मेहंदी, सिंदूर, चुड़ी सहित अन्य सुहाग की सामग्री अर्पित कर वट वृक्ष की कच्चे सूत के साथ 108 परिक्रमा करने का विधान है।
 
वट सावित्री व्रत पूजा के शुभ मुहूर्त
 
अमावस्या तिथि आरंभ 14 मई 2018, सोमवार को 19:46 से।  
 
अमावस्या तिथि समाप्त 15 मई 2018, बुधवार को 17:17 तक।

ALSO READ: ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष का पाक्षिक पंचांग : वट सावित्री व्रत 15 मई को
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वैष्णोदेवी के दरबार में जा रहे हैं तो इन मंत्रों से करें माता का पूजन