Vivah mein deri ke upay : विवाह नहीं हो पा रहा है। रिश्ता तय होते होते टूट जाता है, सगाई होने के बाद सगाई टूट जाती है। हो रहा है विवाह में विलंब तो जानिए कारण और निवारण। शादी करने के 5 अचूक उपाय कर लेंगे तो होगी जल्दी से जल्दी शादी।
विवाह के योग ( vivah ke yog ) : ज्योतिष मान्यता के अनुसार विवाह के योग उम्र के 27, 29, 31, 33, 35 व 37वें वर्ष में बनते हैं। हालांकि पुराने जमाने में 16 वर्ष की उम्र में ही विवाह कर दिया जाता था। कहते हैं कि लड़की की कुंडली में गुरु और पुरुष की कुंडली में शुक्र बनाता है विवाह के योग।
विवाह नहीं होने के कारण : इसके कई कारण हो सकते हैं परंतु यदि ज्योतिषीय कारण की बात करें तो मंगल का दोष, शुक्र का दोष और गुरु का दोष इसका सबसे बड़ा कारण रहता है। पुरुष के लिए शुक्र का दोष और महिला के लिए बृहस्पति का दोष खास माना जाता है। इसी के साथ ही यदि मंगल दोष है तो विवाह में कई तरह की अड़चने आएंगे।
कैसे होता है विवाह में विलंब ( vivah vilamb ke yog in kundli ) :
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कई बार व्यक्ति विवाह करने से यूं ही इनकार कर देता है कि अभी नहीं करना विवाह। कई बार अच्छे रिश्ते के चक्कर में योग को भी टाल दिया जाता है। ऐसे भी होता है कि करियर के चक्कर में भी वह विवाह नहीं करता है।
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ज्योतिष मानता है कि मांगलिक होना, पितृदोष होना या काल सर्पदोष होना भी विवाह में विलंब का एक कारण है।
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कहते हैं कि जब सूर्य, मंगल या बुध लग्न या लग्न के स्वामी पर दृष्टि डालते हों और गुरु 12वें भाव में बैठा हो तो भी विवाह में देरी होती है।
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प्रथम या चतुर्थ भाव में मंगल हो और सप्तम भाव में शनि हो तो व्यक्ति की विवाह के प्रति उदासीनता के भाव रहते हैं।
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प्रथम भाव, सप्तम भाव में और बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक न हो और चंद्रमा कमजोर हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं।
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सप्तम भाव में शनि और गुरु की युति तो शादी देर से होती है। कई बार यह भी देखा गया है कि दोनों में से कोई एक ग्रह हो तो भी विवाह में अड़चन आती है।
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सप्तम भाव में बुध और शुक्र की युति हो तो भी विवाह तय होने में काफी अड़चने आती रहती है, जिसके चलते विवाह में विलंब हो जाता है।
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चंद्र की राशि कर्क से गुरु सप्तम हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं।
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सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नहीं हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं या विवाह देर से होता है।
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यदि गुरु कमजोर या नीच का होकर बैठा हो, शत्रु भाव में या शत्रुओं के साथ बैठा हो तब भी विवाह में अड़चने आती हैं।
लड़की के लिए- vivah mein rukawat ke upay :
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खरगोश को प्रतिदिन खाना खिलाएं।
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गुरुवार का व्रत रखें और मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।
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गुरुवार को वट वृक्ष, पीपल और केले के वृक्ष पर जल अर्पित करें। साथ शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
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माथे पर प्रदिदिन केसर या चंदन का तिलक लगाएं, तुलसी की माला पहनें।
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पीले वस्त्र ही पहने और घर में पर्दों और चादरों का रंग गुलाबी रखें।
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भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है।
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जब लड़की के पिता या भाई किसी लड़की के रिश्ते की बात करने के लिए घर से बाहर जाए तो लड़की तब तक अपने बाल खुले रखें जब तक की वह लौटकर नहीं आ जाए।
लड़कों के लिए- shaadi mein aa rahi rukawat ko dur karne ke upay :
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लड़कों को शुक्र के उपाय करना चाहिए।
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लड़कों को यह करना चाहिए कि वे मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं वहां बैठकर उनकी पूजा करें। फिर उनके माथे से थोड़ा सिंदूर लेकर उस राम और सीता के मंदिर में राम और सीता के चरणों में चढ़ाकर उनसे अपने शीघ्र विवाह की कामना करें। कम से कम 21 मंगलवार तक यह उपाय करें।
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लड़के या लड़की दोनों ही यह उपाय कर सकते हैं। सोमवार को एक किलो 200 ग्राम चने की दाल और सवा लीटर दूध किसी जरूरतमंद को दान कर दें।
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लड़के या लड़की दोनों ही यह उपाय कर सकते हैं। किसी लाल गाय को रोटी में गुड़ लपेटकर खिलाते रहें या केसर भात खिलाएं। यह भी कर सकते हैं कि किसी भी गाय को गुरुवार को आटे के दो पेड़े पर थोड़ी हल्दी लगाकर खिलाएं तथा इसके साथ ही थोड़ासा गुड़ और चने की पीली दाल भी खिलाएं।
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विवाह योग्य लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए।
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शुक्ल पक्ष के हर सोमवार को व्रत रखें और आंकड़े के आठ पत्ते की पूजा अर्चना कर सात पत्तों की थाली बानए और आठवें पत्ते पर अपना नाम लिखकर उसे शिवजी को अर्पित कर दें।
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पुरुषों को विभिन्न रंगों से स्त्रियों की तस्वीरें और महिलाओं को लाल रंग से पुरुषों की तस्वीर सफेद कागज पर रोजाना तीन महीने तक एक एक बनानी चाहिए।
नोट- यह उपाय जानकारी हेतु ही है। किसी योग्य ज्योतिष या लाल किताब के विशेषज्ञ से अपनी कुंडली को दिखाकर ही उपरोक्त उपाय कर सकते हैं।