रुद्राक्ष का वृक्ष एक उष्णकटिबंधीय वनस्पति हैया कहें कि रुद्राक्ष का वृक्ष एक सदाबहार वनस्पति है। इसकी पत्ती चमकदार व लम्बी होती एवं तना कठोर,बेलनाकार व लम्बा होता है। इसकी छाल का रंग भूरा या सफ़ेद होता है। रुद्राक्ष के वृक्ष का फ़ूल सफेद रंग का होता है। इसका फल शुरू में हरा एवं पकने के उपरांत नीला व सूखने पर काला हो जाता है। रुद्राक्ष इसी फल की गुठली को कहते हैं। हमारे शास्त्रों में रुद्राक्ष को भगवान शिव के नेत्रों के सदृश्य माना है। मुख्य रूप से रुद्राक्ष की तीन प्रजातियां होती हैं-
1. नेपाली रुद्राक्ष
2. इंडोनेशियाई रुद्राक्ष
3. भारतीय रुद्राक्ष
'रुद्राक्ष' में प्राकृतिक रूप से छिद्र व धारियां होती हैं जिन्हें 'मुख' कहा जाता है। शास्त्रों में 1 से 14 मुखी तक के 'रुद्राक्ष' का वर्णन मिलता है। रुद्राक्ष प्रमुखतः चार आकारों में पाए जाते हैं-
1. गोल
2. बेलनाकार
3. चपटे
4. अर्द्धचंद्राकार
इसमें गोल रुद्राक्ष सर्वश्रेष्ठ होता है। एक मुखी रुद्राक्ष को साक्षात भगवान शिव का रूप माना जाता है।
गलत मान्यताएं-
-तांबे के दो सिक्कों के बीच घूमने वाला रुद्राक्ष ही असली है।
-पानी पर तैरने वाला रुद्राक्ष ही असली होता है।
-टहनियों पर लगे रुद्राक्ष ही असली होते हैं जैसा कि कुछ तीर्थ स्थानों पर पेड़ की छोटी-छोटी टहनियों को लेकर कुछ लोग घूमते रहते हैं। रुद्राक्ष एक फल की गुठली होता है।
ज्योतिर्विद पं. हेमन्त रिछारिया