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शुभ मंगल सावधान: कब लगेगा शुभ कार्यों पर विराम

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हमें फॉलो करें शुभ मंगल सावधान: कब लगेगा शुभ कार्यों पर विराम
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पं. हेमन्त रिछारिया

, शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024 (14:45 IST)
हिन्दू परंपरा में मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभ कार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस प्रकार की अवधि जिसे मलमास, होलाष्टक, पौष मास, गुरु-शुक्रास्त के नाम से जाना जाता है, इसमें सभी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुण्डन, सगाई, गृहारंभ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत-उद्यापन आदि वर्जित होते हैं। 
 
आइए जानते है ये अवधि कब-कब रहेगी :
 
1. 'मलमास' :
 
इस माह दिनांक 15 दिसंबर 2024, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से सूर्य के गोचरवश धनु राशि में प्रवेश करने के कारण 'मलमास' प्रारंभ हो चुका है, जो दिनांक 14 जनवरी 2025 माघ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि तक मान्य रहेगा। इस अवधि में 'मलमास' (खरमास) प्रभावी होने के कारण समस्त शुभ कार्यों का निषेध रहेगा।
क्या होता है 'मलमास' : 
 
जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति व मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं। सूर्य के धनु राशि व मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही 'मलमास' या 'खरमास' कहा जाता है। 'मलमास' में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुण्डन, सगाई, गृहारंभ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत-उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
 
2. होलाष्टक : 
 
होलिका दहन से पूर्व के आठ दिनों को 'होलाष्टक' के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2025, संवत 2081 में 'होलाष्टक' का प्रारंभ फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि दिन शुक्रवार, दिनांक 07 मार्च 2025 से होगा एवं होलाष्टक की समाप्ति फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि दिन गुरुवार, 13 मार्च 2025 को होगी।
 
3. मीन संक्रांति (मलमास) :
 
मीन संक्रांति जनित मलमास का प्रारंभ वर्ष 2025, संवत 2081 में फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा दिन शुक्रवार, दिनांक 14 मार्च 2025 से प्रारंभ होगा एवं जिसकी समाप्ति संवत 2082 वैशाख कृष्ण पक्ष प्रतिपदा दिन रविवार, दिनांक 13 अप्रैल 2025 को होगी।
 
शास्त्रानुसार उपर्युक्त समयावधि में समस्त शुभ एवं मांगलिक कार्यों का निषेध रहेगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

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