Kharmas 2025: सूर्य के बृहस्पति ग्रह की दो राशियां धनु और मीन राशि में जाने से एक माह के लिए खरमास प्रारंभ हो जाता है। इसे ही मलमास कहते हैं। इस बार सूर्यदेव 14 मार्च 2025 शुक्रवार को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। खरमास में सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं और कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं। ज्योतिष की दृष्टि से खरमास में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं, परंतु कुछ ऐसे शुभ कार्य कर सकते हैं जिन्हें शुभ माना जाता है।
1. नियमित किए जाने वाले शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान में खरमास का कोई बंधन नहीं होता।
2. अगर कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में हो तो इस स्थिति में भी इस माह में शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
3. यदि आप गया तीर्थ पर किसी का श्राद्ध करना चाहते हैं तो इसमें खरमास का कोई बंधन नहीं होता।
4. अन्नप्राशन, सीमान्त और जातकर्म आदि कर्म पहले से ही तय होने पर इस अवधि में किए जा सकते हैं।
5. अगर आप प्रेम-विवाह करना चाहते हैं, तो इस समय कर सकते हैं। खरमास कोर्ट मैरिज में किसी प्रकार से बाधक नहीं बनता।
अत: इस प्रकार के कार्य आप खरमास करके भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
खरमास का महत्व :
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सूर्य के धनु या मीन राशि में प्रवेश के दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ करन का खास महत्व है।
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इसी के साथ ही तत्पश्चात देवी लक्ष्मी, शिव जी तथा ब्रह्मा जी की आरती करके चरणामृत का प्रसाद अर्पित करना चाहिए।
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भगवान श्री विष्णु की पूजा में केले के पत्ते, फल, सुपारी, पंचामृत, तुलसी, मेवा आदि का भोग तैयार किया जाता है।
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साथ ही दिन मीठे व्यंजन बनाकर भगवान का भोग लगाया जाता है।
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इस दिन में श्रद्धालु नदी किनारे जाकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इससे मन की शुद्धि, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है।