Third World War: इस वक्त दुनिया के अधिकतर देशों में गृह कलह या दंगे चल रहे हैं। कुछ देशों में आपसी युद्ध चल रहा है। जैसे इजराइल और फिलिस्तीन युद्ध, यूक्रेन और रशिया युद्ध, अजरबैजान और आर्मेनिया युद्ध। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान में हाल ही में युद्ध हुआ था। दूसरी ओर चीन एवं ताइवान में तनाव, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में तनाव, इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है जो कभी भी तीसरे विश्व युद्ध की शक्ल अख्तियार कर सकता है। ऐसे में भारत की स्थित क्या रहेगी। वह युद्ध जीतेगा या हारेगा? क्या कहती है भविष्यवाणी।
नास्त्रेदमस के अनुसार युद्ध में भारत की स्थिति:
1. 'मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे।- (3/77 सेंचुरी)।
2. 'एक सेनापति उत्सुकतावश पीछे भागती दुश्मन सेना की फौज का पीछा करेगा। वह उसके बचाव चक्र को भेदता हुआ, अंतत: उन्हें रोक देगा। वे पैदल भांगेंगे, मगर उनसे अधिक दूर नहीं होगा वह। अंतिम जंग गंगा (ganges) के किनारे होगी।'' (iv-51)
3. 'सागरों के नाम वाला धर्म, चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)।
4. 'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रसंशा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।'- (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)
5. 'पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)
6. 'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)
7. 'एशिया का महान व्यक्ति समुद्र और जमीन पर विशाल सेना लेकर नीले, हरे और सलीबों को वह मौत के घाट उतार देगा।' (सैंचुरी-6-80)।
संत अच्युतानंद के अनुसार युद्ध में भारत की स्थिति:
1. शनि मीन योग में एक संत के हाथों में होगी देश की बागडोर जो अविवाहित होगा। वही संपूर्ण क्षत्रप होगा। उसमें विश्व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा।
2. जब गगन गादी पर होंगे और उड़ीसा के दिव्य सिंह राजा गादी पर होंगे तब भारत पर आक्रमण होगा। तीसरा विश्वयुद्ध 6 साल 6 माह तक चलेगा। चीन 13 मुस्लिम देशों के साथ मिलकर भारत पर हमला कर देगा। आखिरी के 13 माह भारत युद्ध में शामिल होगा और यह भारत की लड़ाई होगी। भारत की इसमें विजय होगी। भारत सदा के लिए अपने दुश्मनों को न सिर्फ खत्म कर देगा बल्कि विश्व गुरु भी बन जाएगा।
3. भारत का आखिरी राजा एक शक्तिशाली हिन्दू राजा होगा, जो योगी पुरुष होगा और जिसकी कोई संतान नहीं होगी। उसमें विश्व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा।
4. भविष्य मालिका के अनुसार जब शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब महाविनाश का प्रारंभ होगा। शनि ने 29 अप्रैल को ही कुंभ में प्रवेश किया है। फिर शनि वक्री होकर 12 जुलाई 2022 को मकर राशि में गोचर करेगा। इस दौरान महायुद्ध की नींव पड़ जाएगी। शनि उसके बाद जब 17 जनवरी 2023 को शनि पुन: कुंभ में आएंगे और 29 मार्च 2025 तक यहीं रहेंगे। इस दौरान तीसरे विश्वयुद्ध से महाविनाश का पहला चरण प्रारंभ होगा। उसके बाद 29 मार्च 2025 से 23 फरवरी 2028 तक शनि मार्गी और वक्री होकर मीन राशि में रहेंगे। तब जनता त्राहि-त्राहि करने लगेगी। फिर 23 फरवरी 2028 से 17 अप्रैल 2030 तक शनि मेष राशि में रहेंगे। इसी दौरान महाविनाश का दौर खत्म हो जाएगा और एक नए युग का प्रारंभ होगा।
ज्योतिष के आकलन के अनुसार कब होगा तीसरा विश्व युद्ध:
वर्ष 2020 में शनि के मकर में जाने से देश और दुनिया के हालत बदल गए कोराना महामारी के साथ ही दुनिया में कई देशों के बीच तनाव का दौर चला। फिर शनि के कुंभ में जाने के दौरान इजराइल और हमास का युद्ध, इसके बाद यूक्रेन रशिया का युद्ध प्रारंभ हुआ। इसी दौरान कई देशों में सत्ता परिवर्तन और विद्रोह को देखा गया। इसके बाद शनि के मीन में जाने के बाद भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध और सीजफायर के साथ ही रशिया और यूक्रेन के युद्ध की भयानकता को देखा। अब ये ढाई साल दुनिया में असंतोष को बढ़ाने वाले और मौसम को परिवर्तन करने वाले रहेंगे। इस बीच कई देशों में आंतरिक कलह रहेगा। फिर शनि के मेष में जाने के पूर्व ही भयानक युद्ध होगा। कई देश आपस में लड़ रहे होंगे। भारत पाकिस्तान का युद्ध होगा और इसके कारण कई देश इसमें उलझ जाएंगे। मेष में शनि के होने से जीत भारत की तय है, लेकिन भारत को बहुत क्षति उठाना पड़ सकती है।
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