अलग-अलग शास्त्रों में भाग्यहीन स्त्री के 8 लक्षण वर्णित है। आइए जानते हैं उनमें से प्रमुख लक्षण क्या है-
* जो स्त्री मैली-कुचैली सी रहती है।
* जो पाप कर्मों में रत रहती है, पराये पुरुषों में जिसका मन रमता है।
* जो बात-बात पर गुस्सा करती है, जो छल-कपट या मिथ्या भाषण करती है।
* जो अपने घर को सजा संवार कर नहीं रखती, जिसके विचार उत्तम नहीं होते।
* जो अपनी संतान से स्नेह नहीं रखती।
* जो सिर्फ अपने बारे में सोचती है।
* जो दूसरो के घरों में झगड़ा लगाने की ताक में रहती है।
* जो इधर की बात उधर करती है।
सूचना : यह जानकारी अलग-अलग शास्त्रों से अनुवाद की गई है, जिसे यथास्वरूप प्रस्तुत किया गया है। वेबदुनिया संपादकीय विभाग के विचार इसमें शामिल नहीं हैं।